पड़ी मार तो पाकिस्तान कबूलने लगा पुराने गुनाह, हमने करवाया था पुलवामा आतंकी हमला

इस्लामाबाद/नई दिल्ली। 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान वर्षों से जिस सच्चाई से इनकार करता रहा, वह आखिरकार खुद उसी के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी की ज़ुबान से सामने आ गई। पाकिस्तान एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी एयर वाइस मार्शल औरंगज़ेब अहमद ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक रूप से पुलवामा हमले को टैक्टिकल ब्रिलियंस (रणनीतिक चतुराई) करार दिया। इस हमले में 40 भारतीय अर्धसैनिक बल के जवान शहीद हुए थे।

यह चौंकाने वाला बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक और सीमित जवाबी कार्रवाई की थी। भारत की इस कार्रवाई के बीच पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व की यह स्वीकारोक्ति न केवल उसकी पिछली बयानबाज़ियों को झूठा साबित करती है, बल्कि पुलवामा और पहलगाम हमलों के पीछे उसकी साज़िश को भी उजागर करती है।

मंच पर बड़ी मौजूदगी, अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी था शामिल

औरंगज़ेब अहमद, जो कि पाकिस्तान एयरफोर्स के डायरेक्टर जनरल पब्लिक रिलेशंस हैं, ने यह बयान प्रेस और विदेशी पत्रकारों की मौजूदगी में दिया। उनके साथ ISPR के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और नौसेना के प्रवक्ता भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा, हमने पुलवामा में अपनी रणनीतिक चतुराई के माध्यम से संदेश देने की कोशिश की... अब हमने अपने ऑपरेशनल विकास और रणनीतिक कौशल को भी दर्शा दिया है।

यह बयान पाकिस्तान के उस पुराने रुख से बिलकुल उलट है जिसमें वह लगातार कहता रहा कि पुलवामा हमले में उसकी कोई भूमिका नहीं थी।

पाक सरकार के दावों की पोल खुली

भारत ने पुलवामा हमले के तुरंत बाद जैश-ए-मोहम्मद (JeM) पर आरोप लगाया था, जिसने हमले की ज़िम्मेदारी भी ली थी। लेकिन पाकिस्तान ने न केवल आरोपों को खारिज किया, बल्कि भारत से सबूत मांगते हुए खुद को निर्दोष बताया था। अब पाकिस्तान की वायुसेना के अधिकारी के इस बयान ने उस झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।

ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमला

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इस पर पाकिस्तान की ओर से बार-बार यह दावा किया गया कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अब एयर वाइस मार्शल की स्वीकारोक्ति ने इस दावे को भी संदिग्ध बना दिया है।

लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी का विवादित अतीत


मंच पर मौजूद लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी, जिनके पिता सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद को ओसामा बिन लादेन से मिलने और आतंकी संगठनों को परमाणु तकनीक देने की कोशिश के लिए कुख्यात माना जाता है, पहले ही संयुक्त राष्ट्र की अल-कायदा प्रतिबंध समिति की सूची में दर्ज हैं।

भारत की प्रतिक्रिया

भारत की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह स्वीकारोक्ति न केवल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कटघरे में खड़ा करती है, बल्कि पुलवामा हमले को लेकर भारत के वर्षों पुराने रुख को भी पूरी तरह सही साबित करती है।