Amazon, Netflix जैसे OTT प्लेटफॉर्म पर अब लागू होगा सेंसर, जानें- कैसे बदल जाएगा वेबसीरीज का स्वरूप

भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है और इस पर वेबसीरीज और फिल्मों के रुप में आने वाले कंटेंट को भी काफी पसंद किया जा रहा है। हालांकि, कई बार वेबसीरीज और ओटीटी कंटेंट में दिखाए जाने वाले एडल्ट और हिंसा के सीन पर बवाल भी खड़ा हो जाता है। ऐसे में अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने OTT प्लेटफॉर्म पर दिखाए जा रहे डिजिटल ऑडियो विजुअल कॉन्टेंट और वेब शो को अपने दायरे में ले लिया है। इसके साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के न्यूज और करेंट अफेयर्स भी अब सरकार के दायरे में होगा। सरकार ने बुधवार को एक गैजेट जारी करके इसे नोटिफाई किया है। यानी अब सरकार इन कंटेंट को भी मॉनिटर करेगी और वेब सीरीज निर्माता भी सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार ही प्रोजेक्ट पर काम करेंगे।

एडल्ट कंटेंट पर सख्ती

अक्सर देखा जाता है कि वेबसीरीज में बिना किसी सेंसर के ऑनलाइन सीन शूट किए जाते हैं और उन्हें वेब शो में शामिल किया जाता है। हालांकि, अब वेबसीरीज निर्माताओं को इसके लिए सरकार की परमिशन लेनी पड़ सकती है। ऐसे में सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली फिल्मों की तरह इन्हें भी मॉनिटर किया जाएगा और फिल्म रिलीज से पहले दिखाना पड़ सकता है और इससे एडल्ट कंटेंट पर सख्ती भी हो सकती है।

एडल्ट भाषा पर रोक

आपने देखा होगा कि वेब शो में बिना किसी नियंत्रण के गालियों या एडल्ट भाषा का इस्तेमाल किया जाता है, जिस पर अब नियंत्रण हो सकता है। माना जा रहा है कि अगर सरकार इसे मॉनिटर करेगी तो भाषा को थोड़ा संयम किया जा सकता है। साथ ही जिस वजह से वेबशो की लोकप्रियता बढ़ रही थी, इस पर नियंत्रण हो सकता था।

आपको बता दे, इस साल सितंबर में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B Ministry) ने इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) की तरफ से जारी सेल्फ रेगुलेशन कोड को सपोर्ट करने से इनकार कर दिया था। करीब 15 वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स अभी देश में काम कर रहे हैं। इन OTT प्लेटफॉर्म्स ने इस महीने की शुरुआत में IAMAI के तहत सेल्फ रेगुलेशन कोड पर साइन किया था। सेंसरशिप या सरकारी दखल के बजाय OTT कंपनियों ने सरकार के कहने पर एक फ्रेमवर्क बनाया था ताकि सही कॉन्टेंट ही दर्शकों तक पहुंचे। इस कोड में दर्शकों की शिकायतों के निपटारे का भी मैकेनिज्म था। इसके लिए कंज्यूमर कंप्लेन डिपार्टमेंट या एडवाइजरी पैनल बनाने की बात कही गई थी। इस पैनल के सदस्यों में बच्चों के अधिकारों, जेंडर इक्वालिटी के लिए काम करने वाले इंडिपेंडेंट लोग शामिल हो सकते हैं।

इस में जो OTT प्लेटफॉर्म शामिल होंगे उनमें नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो, डिज्नी + हॉटस्टार, ALT बालाजी, ZEE5, Arre, डिस्कवरी +, इरोज नाउ, फ्लिकस्ट्री (Flickstree), होईचोई (Hoichoi), हंगामा, MX प्लेयर, शेमारू, VOOT, Jio सिनेमा, सोनीLiv और Lionsgate play शामिल है।

मंत्रालय ने कहा था, 'इंडस्ट्री ने जो सेल्फ रेगुलेटरी मैकेनिज्म बनाया है उसमें प्रोहिबिटेड कॉन्टेंट का कोई वर्गीकरण नहीं किया गया है।'