गहलोत सरकार की स्काॅलरशिप योजना हो रही विफल! विदेश में पढ़ाई के लिए 20 दिन में आए मात्र 6 फाॅर्म

राजस्थान की गहलोत सरकार ने राजीव गांधी स्काॅलरशिप फाॅर एकेडमिक एक्सीलेंस याेजना शुरू की थी जिसमें विदेशाें में पढ़ने के लिए 200 छात्राें काे स्काॅलरशिप दी जानी हैं ताकि छात्र विदेशाें के नामी संस्थानाें में फ्री में पढ़ाई कर सकें। लेकिन हालात ये हैं कि 20 दिन में मात्र 6 ही छात्राें ने आवेदन किया है। इस याेजना में कम आवेदन का कारण यह माना जा रहा है कि छात्र के पास जनाधार कार्ड हाेना जरूरी है और परिवार की वार्षिक आय भी 8 लाख रुपए हाेनी चाहिए। वहीं इस याेजना में सिर्फ उच्च शिक्षा के छात्राें काे ही शामिल किया गया है। तकनीकी शिक्षा इसमें शामिल नहीं है। जबकि इंजीनियरिंग सहित अन्य तकनीकी काेर्स वाले आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

इस योजना के तहत राजस्थान के 200 छात्र ऑक्सफाेर्ड, हार्वर्ड, स्टेनफाेर्ड जैसे 50 नामी संस्थानाें में पढ़ सकेंगे और खर्चा सरकार उठाएगी। छात्राें के यात्रा किराया, ट्यूशन फीस सहित पूरा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी। याेजना में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों के लिए केवल मानवीकि से संबंधित विषयों की पढ़ाई के लिए ही स्कॉलरशिप मिलेगी।

स्कॉलरशिप आवेदन करने से पहले छात्राें का संबंधित विदेशी संस्थानों में प्रवेश होना जरूरी है। ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंस, एग्रीकल्चर एंड फोरेस्ट साइंस, नेचर एंड एनवायरमेंटल साइंस एवं लॉ के लिए 150, मैनेजमेंट एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन एवं इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंस के लिए 25 और साइंस एवं पब्लिक हैल्थ के लिए 25 छात्राें को स्कॉलरशिप दी जाएगी। सीट खाली रहने पर इंजीनियरिंग एंड रिलेटेड साइंस, मेडिसिन आदि क्षेत्रों में अधिकतम 15 उम्मीदवारों को स्काॅलरशिप दी जाएगी।