फिर रुलाने लगा प्याज, एक हफ्ते में 45% बढ़े दाम

केंद्र सरकार प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन सरकार के सभी प्रयास विफल हो रहे है। प्याज एक बार फिर रूठ गया है और उसने अपने खुदरा कीमत को 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंचा दिया है। बीते 7 दिनों में दिल्ली में इसकी कीमत में 45% का उछाल आया है। 31 अक्टूबर को भाव 55 रुपए था। मौजूदा रेट एक साल पहले की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। पिछले साल नवंबर में प्याज का भाव 30-35 रुपए प्रति किलो था। इस बीच, सरकार ने अफगानिस्तान, मिस्त्र, तुर्की और ईरान से प्याज के निजी आयात की सुविधा देने का फैसला किया है। अधिकारी ने कहा कि निजी व्यापारियों ने सरकार को बताया कि आयातित प्याज के 80 कंटेनर भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुके हैं और 100 कंटेनरों को समुद्री मार्ग से भारत भेजा जा सकता है। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने प्याज की कीमतों में तेजी आने के बाद बुधवार को उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में प्याज को आयात करने पर भी बातचीत की गई। सरकार ने कहा है कि वो प्याज की कीमतों में कमी लाने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए जल्द फैसला लेगी। इस बैठक में उपभोक्ता मामलों के सचिव एके श्रीवास्तव और खाद्य सचिव रविकांत मौजूद थे।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि अगले कुछ दिनों में रेट कम होने की उम्मीद है, क्योंकि महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक में नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। दिल्ली में बफर स्टॉक से प्याज की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है। मदर डेयरी के सफल आउटलेट पर 24.90 रुपए के रेट पर प्याज बेचा जा रहा है। हालांकि, कुछ आउटलेट्स पर प्याज का स्टॉक खत्म होने की शिकायतें भी मिल रही हैं। जंगपुरा एक्सटेंशन आउटलेट पर एक महिला ने बताया कि प्याज खरीदने के लिए उसने 2 घंटे लाइन में लगकर इंतजार किया, लेकिन उसकी बारी आई तो स्टॉक खत्म हो गया।