वैक्सीनेशन के नियमों में सरकार ने किया बड़ा बदलाव, 18-44 एजग्रुप वालों को मिली यह राहत

सरकार ने लोगों के वैक्सिनेशन के नियमों में बदलाव किया है। जिसके बाद 18-44 एज ग्रुप वालों को काफी राहत मिलेगी। नए नियम के मुताबिक, अब इस एज ग्रुप के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की जरूरत नहीं। ये लोग वैक्सीनेशन सेंटर्स पर जाकर अपना रिजस्ट्रेशन करवा सकेंगे और अपॉइंटमेंट ले सकेंगे। ये सुविधा फिलहाल सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ही दी जाएगी।

केंद्र ने ये नोटिफिकेशन सभी राज्यों को भेजा है और उनसे ऑन-साइट यानी मौके पर ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू करने की अपील की है। अब यह राज्यों पर निर्भर करता है कि वे अपने यहां यह सुविधा शुरू करेंगे या नहीं।

दरअसल, सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि कई लोग वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक किए जाने के बाद भी वैक्सीनेशन सेंटर नहीं पहुंच रहे थे। ऐसे में वैक्सीन वेस्टेज के मामले बढ़ रहे थे। इन रिपोर्ट्स के आधार पर ही केंद्र ने यह फैसला लिया है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में लोगों को ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

इससे पहले केंद्र सरकार ने शनिवार को वैक्सीनेशन पर एक कदम और बढ़ाते हुए निजी और सरकारी ऑफिसों में इसकी मंजूरी दी थी। इसके मुताबिक, सरकारी और निजी ऑफिस में एम्प्लाई के साथ उसके परिवार वालों को भी टीका लग सकेगा। ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हो सके, इसके लिए कंपनियां अस्पतालों के जरिए सीधे निर्माता से वैक्सीन खरीद सकेंगी।

अब तक लगाई जा चुकी 19.60 करोड़ डोज

भारत में अब तक 19.60 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। देश में अब तक 15.29 करोड़ लोगों को पहली डोज और 4.31 करोड़ से ज्यादा लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, रविवार को देश भर में 9,42,722 डोज लगाई गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 19.60 करोड़ में से 97,52,900 स्वास्थ्यकर्मी ऐसे हैं जिन्हें टीके की पहली खुराक दी गई है, जबकि 67,00,614 स्वास्थ्यकर्मी ऐसे हैं जिन्हें दूसरी खुराक दी जा चुकी है।

- अग्रिम मोर्चे के 1,49,52,345 कर्मियों को टीके की पहली खुराक मिली है और अग्रिम मोर्चे के 83,26,534 कर्मियों को दूसरी खुराक
- 18 से 44 साल उम्र के 99,93,908 लाभार्थी को पहली खुराक
- 45 से 60 साल उम्र के 6,06,90,560 को पहली खुराक और 97,87,289 को दूसरी खुराक
- 60 साल से अधिक उम्र के 5,65,55,558 को पहली खुराक और 1,82,44,476 लोगों को दूसरी खुराक