क्‍यों 1 नवंबर को सस्‍ता नहीं हुआ पेट्रोल-डीजल, पेट्रोलियम मंत्री ने बताई असली वजह

5 महीने से भी ज्‍यादा समय समय बीत चुका है लेकिन देश में पेट्रोल डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है हालाकि, इस समय में क्रूड ऑयल के दाम भी र‍िकॉर्ड लेवल तक ग‍िरे लेक‍िन घरेलू बाजार में पेट्रोल डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि 1 नवंबर से तेल की कीमत में 40 पैसे प्रत‍ि लीटर तक की कटौती की जा सकती है साथ ही यह भी खबर थी कि पेट्रोल-डीजल में जल्‍द दो रुपये लीटर की कटौती होगी और इसे अलग-अलग चरणों में लागू क‍िया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और 1 नवंबर को कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया।

ऐसे में जब पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल पर अब भी 4 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा क‍ि पेट्रोल पर कंपन‍ियों का मार्जिन सकारात्मक हो गया है। उन्होंने कहा सरकारी तेल कंपन‍ियों को रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान काफी नुकसान हुआ है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा क‍ि उनका मंत्रालय तीन खुदरा ईंधन विक्रेताओं- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) को हुए नुकसान के लिए सहायता की मांग करेगा। इन कंपनियों ने महंगाई से निपटने में सरकार की मदद के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए, जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल काफी महंगा हो गया था। उन्होंने कहा कि ऑयल मार्केट‍िंग कंपन‍ियों (OMC) को अब भी डीजल पर घाटा है।' इस समय डीजल पर घाटा लगभग 27 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन वास्तविक नकद हानि लगभग 3-4 रुपये प्रति लीटर है। तीनों खुदरा ईंधन विक्रेताओं को अप्रैल-जून तिमाही में 19 हजार करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध घाटा हुआ है। ऐसा अनुमान है कि इन कंपनियों को सितंबर तिमाही में भी नुकसान होगा।