हाईकोर्ट पहुंचा RJS प्री 2021 परीक्षा का मामला, सात सवालों पर बना हुआ असमंजस, उठाई प्रारंभिक परीक्षा निरस्त करने की मांग

राजस्थान में 28 नवंबर को RJS प्री 2021 परीक्षा कराई गई थी जिसके परिणाम जारी किए जा चुके हैं। परिणाम जारी करते वक्त चार सवाल तो डिलीट कर दी गए थे लेकिन अब सात और सवालों को लेकर असमंजस बना हुआ हैं जिसके चलते यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा हैं और प्रारंभिक परीक्षा निरस्त करने की मांग की गई हैं। इस मामले में याचिकाकर्ता पीराने खां की ओर से अधिवक्ता मुक्तेश माहेश्वरी व अर्पित सामरिया की ओर से याचिका दायर की गई हैं। जस्टिस संदीप मेहता व विनोद भारवानी की खंडपीठ ने हाईकोर्ट प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।

याचिकाकर्ता ने आरजेएस भर्ती के लिए आवेदन किया था। परीक्षा में सात और सवाल के आंसर को लेकर असमंजस बना हुआ है। इनमें कुछ सवालों के तो दो विकल्प सही हैं। ऐसे में प्रारंभिक परीक्षा निरस्त कर नए सिरे से करवाई जाए। अधिवक्ता माहेश्वरी ने कोर्ट के समक्ष दूसरा विकल्प भी रखा और आग्रह किया कि इन सात सवालों के बोनस अंक या इन सवालों को डिलीट भी किया जाए। खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट प्रशासन से जवाब तलब किया है।

इन सवालों पर आपत्ति

सवाल 1: जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट 2015 के अंतर्गत कौन बाल कल्याण अधिकारी नियुक्त नहीं हो सकता है?

सवाल 2: दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 41 के अंतर्गत किसको पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी नहीं कर सकती है?

सवाल 3: अकारण शब्द का विलोमार्थी शब्द है।

सवाल 4: जहां किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत अपराध तीन साल से कम के कारावास से दंडनीय है, तब ऐसा अपराध होगा-

सवाल 5: महिलाओं का अशोभनीय प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम 1986 भारत के राजपत्र में प्रकाशित हुआ है?

सवाल 6: किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 101 के संदर्भ में कौन सा कथन गलत है?

सवाल 7: निम्न वाक्य की पूर्ति स्थानवाचक क्रिया विशेषण से कीजिए। मैं... चला गया था।