राजस्थान के सरकारी स्कूलों में बच्चों को अब नहीं मिलेंगे राशन किट, परोसा जाएगा गर्म खाना

राजस्थान में कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले 2 साल से छात्रों को पोषाहार बनाना बंद था और उन्हें इसकी जगह राशन किट दिया जा रहा था। लेकिन अब 9 मार्च से एक बार फिर सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से 8वीं तक पढ़ने वाले बच्चों को पका हुआ खाना खिलाया जाएगा। शिक्षा विभाग के ACS पवन कुमार गोयल ने प्रदेश के सभी कलेक्टर को आदेश जारी मिड-डे मील योजना शुरू करने का फैसला लिया है। इसके तहत स्कूल के 2 टीचर्स बच्चों को खाना खिलाने से पहले भोजन की गुणवत्ता को खा कर चेक करेंगे। उसके बाद ही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भोजन परोसा जाएगा।

बता दें कि राजस्थान में 66 हजार 313 सरकारी स्कूलों और मदरसों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मिड डे मील दिया जाता है। सामान्य दिनों में इन बच्चों को मिड डे मील के रूप में चपाती, दाल, सब्जी, खिचडी और चावल दिए जाते है। कोरोना संक्रमण की वजह से 15 मार्च के बाद से ही स्कूल बंद गर्म खाना नहीं परोसा जा रहा था। लेकिन कोरोना की पाबंदिया हटाने के बाद अब शिक्षा विभाग ने एक बार फिर प्रदेश के स्कूलों में पोषाहार बनाने का फैसला किया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने 9 मार्च से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में गर्म भोजन पकाने के आदेश जारी किए हैं। दो साल बाद सरकार के इस निर्णय से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इंटरवेल में गर्म भोजन मिल सकेगा।