हवाई यात्रा के दौरान मोबाइल, इंटरनेट इस्तेमाल को मिली मंजूरी, फ्लाइट मोड पर नहीं रखना पड़ेगा मोबाइल

अब जल्द ही आप हवाई यात्रा के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे। इतना ही नहीं उड़ान के वक्त कॉल या डाटा का इस्तेमाल भी आप कर सकेंगे। दूरसंचार विभाग की सर्वोच्च नीति निर्माता संस्था ने बैठक के दौरान इंटरनेट टेलिफोनी पर दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिश को भी हरी झंडी दे दी है। दूरसंचार सचिव अरुण सुंदरराजन ने संवाददाताओं को बताया कि दूरसंचार आयोग ने ट्राई अधिनियम के तहत बेहतर उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रणाली के लिए लोकपाल गठित करने को मंजूरी दी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। इस फैसले के बाद घरेलू या विदेशी हवाई सफर के दौरान यात्री मोबाइल पर बात कर सकेंगे और इंटरनेट का भी इस्तेमाल कर पाएंगे। आपको बता दें कि सरकार के अंदर ग्रूप ऑफ मिनिस्टर्स और डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम से हरी झंडी मिलने के बाद ट्राई को इसके लिए गाइडलाइंस बनाने को कहा गया था।

3 हजार मीटर की ऊंचाई पर मिलेगी सुविधा


ट्राई ने सुझाव दिया था कि एक बार एयरक्राफ्ट 3000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाए तो फोन करने की मंजूरी दे सकते है। कॉल करने के लिए अब आपको अपना फोन फ्लाइट मोड पर नहीं रखना पड़ेगा। ये सुविधा 3 से 4 महीने में मिल सकती है।

ट्राई अधिनियम में संसोधन होगा

लोकपाल का गठन ट्राई के तहत होगा और इसके लिए ट्राई अधिनियम में संशोधन की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि हर तिमाही करीब 1 करोड़ शिकायतें आती हैं। नए तंत्र के गठन से उपभोक्ताओं की शिकायतों का बेहतर और संतोषजनक निपटारा होगा।

खास तकनीक से चलेगा मोबाइल


खास तकनीक 'मोबाइल कम्युनिकेशन सर्विस ऑन बोर्ड एयरक्राफ्ट की सुविधा से अब हवाई जहाज में मोबाइल से कॉल करना या डेटा का इस्तेमाल करना आसान हो गया है। इसके आने के बाद दुनिया की 30 प्रमुख एयरलाइंस कंपनियां यात्रियों को विमान में कॉल और नेट की सुविधा देने लगी है। हवाई जहाज में मोबाइल फोन नेटवर्क एक पोर्टबेल टावर की मदद से चल सकता है। यह मशीन टेलिकॉम कंपनियों की मदद से एयरलाइंस कपंनियां लगा सकती हैं।

कंपनियों को अलग से लेना होगा लाइसेंस

ट्राई के प्रस्ताव के अनुसार, जो कंपनियां हवाई जहाज में यह सुविधा देना चाहेगी, उन्हें इसके लिए अलग से लाइसेंस लेना होगा। प्रस्ताव के अनुसार, यह सुविधा भारतीय वायुसीमा के अंदर घरेलू और विदेशी, दोनों तरह के यात्रियों को मिलेगी। इस सुविधा के लिए सरकार को मौजूदा टेलिग्राफ ऐक्ट में भी बदलाव करना पड़ेगा।