पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के हजारों करोड़ रुपयों के घोटाले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में अन्य बैंक भी शामिल है जिनके प्रमुखों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार का संरक्षण हासिल है। एक एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, "हम सब कुछ जानते हैं। सिर्फ पंजाब नेशनल बैंक नहीं, बल्कि अन्य बैंक और बैंकों के प्रमुख भी हैं जिनको संरक्षण मिल रहा है। यह पता लगाना जरूरी है कि ये संरक्षण देनेवाले कौन हैं। उनको कौन संरक्षण दे रहा है?"
बता दे, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने रविवार को एक ट्वीट किया था जिसमे लिखा था कि ‘नोटबंदी के दौरान बहुत बड़ा धन शोधन हुआ। इसमें और बैंक शामिल हैं। पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए।’ अपने ट्वीट को दोहराते हुए बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि विमुद्रीकरण के एक साल पहले ही धोखाधड़ी तेज हो गई थी।
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि नोटबंदी के एक साल पहले ही इसकी योजना बन गई थी। बड़ौदा बैंक, केनरा बैंक और अन्य बैंकों में मुझे मालूम है कि संदेहास्पद तरीके से लोगों की भर्ती की गई। इसके दस्तावेज उपलब्ध हैं। साक्ष्य झूठ नहीं बोलते। इसलिए मैं बड़ी-बड़ी बातें करने वालों और सिर्फ भाषण देने वालों पर भरोसा नहीं करती।"
इससे पहले बनर्जी ने 11,300 करोड़ रुपये की पीएनबी बैंक धोखाधड़ी की पूरी जांच करवाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि जब तक लोगों का पैसा सुरक्षित नहीं हो जाता तब तक वह केंद्र सरकार का पीछा नहीं छोड़ेंगी।
उन्होंने केंद्र पर वित्तीय समाधान व जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक के जरिये बैंकों में जमा लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने वित्तमंत्री को सख्त पत्र लिखा है।
त्रिपु़रा विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को संपन्न हुए मतदान पर ममता बनर्जी ने कहा कि लोकतंत्र कभी बिक नहीं सकता और न ही कोई राजनीतिक दल बलपूर्वक जीत हासिल कर सकता है।