नार्वे : फिर खड़े हुए फाइजर वैक्सीन पर सवाल, अब तक हो चुकी 23 लोगों की मौत

कोरोना के कहर के बाद से ही सभी वैक्सीन का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में विभिन्न देशों द्वारा वैक्सीन लगाई भी जा रही हैं। नार्वे में भी 27 दिसंबर से टीकाकरण किया जा रहा हैं। यहां फाइजर वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा हैं। लेकिन वैक्सीनलगाने के बाद अब तक 23 लोगों की मौत हो गई है। इससे फाइजर का टीका सवालों के घेरे में है। अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं।

जिन 23 लोगों की मौत हुई है, उन्हें वैक्सीन का पहला डोज ही दिया गया था। इसके बाद उनकी तबीयत सुधरने की बजाए बिगड़ती चली गई। नार्वे सरकार का कहना है कि बीमार व बुजुर्गों के लिए कोरोना टीकाकरण काफी जोखिम भरा है। यह भी कहा जा रहा है कि मृतकों में 13 लोग ऐसे हैं, जिनकी मौत वैक्सीन के कारण हुई। अन्य लोगों की मौत के कारणों की जांच जारी है।

बुजुर्गों पर भारी पड़ा दुष्प्रभाव

नार्वे के लोक स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार सामान्य दुष्प्रभाव भी बुजुर्गों व बीमारों पर भारी पड़ा है। अब तक वैक्क्सीन के दुष्प्रभाव के 29 मामले सामने आ चुके हैं। मृतकों में 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग व्यक्ति ज्यादा हैं। कुछ मृतक तो 90 साल की उम्र भी पार कर चुके थे। कुछ लोगों को टीके के बाद बुखार जैसी समस्या हुई और वह गंभीर बीमारी में बदल गई, जिससे उनकी मौत हो गई।

चीनी विशेषज्ञ फाइजर के टीके के खिलाफ

उधर, कोरोना वायरस के टीकों को लेकर चीनी विशेषज्ञों की राय सामने आई है। उनका दावा है कि फाइजर का टीका नहीं लगवाया जाना चाहिए। उन्होंने नार्वे व अन्य देशों से कहा है कि यह टीका बुजुर्गों का नहीं लगाया जाना चाहिए।