एक भी टिकट नहीं बेचा, फिर भी उत्तरी रेलवे ने यात्रियों से कमा लिए 100 करोड़ रुपये

बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े जाने वाले रेलवे द्वारा यात्रियों से अच्छा खासा जुर्माना वसूला जाता है। उत्तर रेलवे ने अप्रैल 2021 से 5 दिसंबर 2021 तक यानी सिर्फ 8 महीने में ही 100 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माना वसूला है। यह राशि कोरोना संकट से पहले के वर्षों से ज्यादा है। सबसे ज्यादा जुर्माना अंबाला मंडल में वसूला गया है। दरअसल, कोरोना संक्रमण की वजह से प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति भी नहीं दी जा रही है। इसकी परवाह किए बगैर कई लोग बिना टिकट लिए या प्रतीक्षा सूची का टिकट लेकर ट्रेन में सवार हो जाते हैं। इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा होने के साथ ही अन्य रेल यात्रियों को असुविधा होती है। इन्हें रोकने के लिए उत्तर रेलवे सख्त कदम उठा रहा है।

दशहरा, दीपावली व छठ पूजा के दौरान बिना टिकट यात्रियों की संख्या ज्यादा देखने को मिल रही थी। दिल्ली मंडल में नवंबर में बिना टिकट 1.42 करोड़ यात्री पकड़े गए और उनसे 8.01 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया है। यह एक माह में सबसे ज्यादा है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मास्क न पहनने के चलते भी सेंट्रल रेलवे ने 23 हजार से ज्यादा यात्रियों पर जुर्माना लगाया और फाइन के रूप में 26 लाख रुपये की वसूली की। मंडल रेल प्रबंधक डिंपी गर्ग का कहना है कि टिकट जांच गतिविधियों द्वारा अवांछित यात्रियों पर रोक लगाते हुए अधिकृत यात्रियों की यात्रा को और अधिक सुगम व सुरक्षित बनाया जा सकता है।

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने कहा कि बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों के खिलाफ गहन जांच अभियान चलाया गया, जिसमें शामिल रेल कर्मचारियों के प्रयास उत्तर रेलवे को एक सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व मिला। भविष्य में भी अभियान चलाया जाएगा।

आपको बता दे, बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े जाने पर यात्री पर न्यूनतम 250 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक जुर्माना या जेल की सजा या दोनों हो सकती है। इसके साथ ही उससे ट्रेन के शुरू होने वाले स्टेशन से बिना टिकट पकड़े जाने वाले स्थान या आगे जिस स्टेशन तक सफर करना हैं वहां तक का किराया भी देना पड़ता है।