ट्रंप-किम की सिंगापुर मुलाकात - दो दुश्मन देशों के बीच शांति ला सकती है

उत्तर कोरिया और अमेरिका के शीर्ष नेताओं के बीच मंगलवार को सिंगापुर में होने वाली ऐतिहासिक मुलाकात की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। दोनों देश के नेता यानी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन मुलाकात के लिए तय जगह सिंगापुर पहुंच चुके हैं। अमेरिका ने इस मुलाकात से पहले शर्त रखी थी कि उत्तर कोरिया को अपना परमाणु कार्यक्रम बंद कर होगा। लेकिन इसके बदले में उत्तर कोरिया क्या चाहता है यह अभी तक साफ नहीं हो पाया था। यह बैठक उन दो दुश्मन देशों के बीच शांति ला सकती है जो पिछले करीब 68 सालों से तकनीकी तौर पर युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं।

लेकिन अब उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात का एजेंडा कुछ हद तक साफ किया है। उन्होंने कहा है कि वे ट्रंप के साथ 'पूर्णतः शांति स्थापित करने वाले तरीके' पर बात करेंगे। किम ने कहा कि पूरी दुनिया इस मुलाकात की तरफ़ देख रही है। वहीं ट्रंप ने भी कहा है कि उन्हें इस मुलाकात के सकारात्मक रहने का एहसास है।

ट्रंप ने कहा लोग यह जान पाएंगे की वार्ता कैसी रही और उसमें क्या हुआ। हालांकि, इस पर यकीन करना बेहद कठिन है जो कैसे एक दूसरे के खिलाप आग उगलने वाले दोनों नेता बीतचीत को लेकर इतनी करीब सिर्फ नौ महीने के अंदर पहुंच गए।

ट्रंप ने उत्तर कोरिया के तानाशाह को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने भाषण में ‘लिटल रॉकेट मेन’ करार दिया था। उस वक्त किम ने ट्रंप को ‘मानसिक रूप से बीमार’ व्यक्ति बताया था। दोनों ही एक दूसरे को परमाणु युद्ध तक की धमकी दे रहे थे।

अमेरिका के साथ सामान्य संबंध स्थापित करने की संभावनाओं पर चर्चा होगी

- उत्तर कोरिया के सरकारी समाचार पत्र में प्रकाशित एक संपादकीय में इस बात के संकेत दिए गए हैं कि अमेरिका के साथ सामान्य संबंध स्थापित करने की संभावनाओं पर चर्चा होगी।
- सरकारी समाचार पत्र 'रोडोंग सिनमुन' ने अपने संपादकीय में लिखा है कि प्योंगयांग अमेरिका के साथ अपने रिश्ते सुधारने की दिशा में काम करेगा।
- संपादकीय में लिखा है, ''भले ही किसी देश के साथ हमारे रिश्ते पहले बेहद खराब रहे हों, लेकिन हमारा मानना है कि अगर वह देश हमारी स्वतंत्रता का सम्मान करता है तो हम भी उनके साथ बातचीत के जरिए सामान्य रिश्ते कायम करने पर विश्वास रखते हैं।''

यह एक बदलते हुए युग की शुरुआत है

- वहीं उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है कि दोनों ही नेता कोरियाई प्रायद्वीप में निश्चित और लंबे वक्त तक स्थापित होने वाली शांति प्रक्रिया पर बात करेंगे, इसके साथ ही कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण और अन्य साझा मुद्दों पर भी बात होगी। इस बयान में लिखा गया है कि यह एक बदलते हुए युग की शुरुआत है।

बीबीसी के उत्तरी अमेरिका के संपादक जॉन सोपेल का कहना है कि आज हम जिस मुलाकात का इंतज़ार कर रहे हैं कि वह पारंपरिक राजनीति के रास्ते तो कभी मुमकिन नहीं हो पाती। जॉन सोपेल कहते हैं, ''हम यहां तक इसीलिए पहुंचे क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप ने पारंपरिक कूटनीतिक तरीकों को तोड़कर नए रास्ते अपनाए।''

जॉन के अनुसार अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा है कि उन्होंने इस मुलाकात के लिए कोई तैयारी नहीं की है। कोरियाई प्रायद्वीप का परमाणु निरस्त्रीकरण किस तरह होगा, इसके लिए किस प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। यह अभी तय नहीं हुआ है। वहीं इसके बदले में अमेरिका उत्तर कोरिया से कितने आर्थिक प्रतिबंध हटाएगा और उसकी सुरक्षा की क्या गारंटी रहेगी यह सभी विषय बेहद जटिल हैं। जॉन मानते हैं कि चाहे जो भी हो फिलहाल यह मुलाकात एक सकारात्मक कदम है।

रविवार को सिंगापुर पहुंचने के बाद दोनों ही नेता अलग-अलग होटल में ठहरे हुए हैं। एक तरफ जहां किम सिंगापुर के फाइव स्टार होटल सेंट रेजिस में ठहरे हैं तो वहीं ट्रंप उससे थोड़ी ही दूरी पर स्थित शंगरी ला होटल में हैं। दोनों नेताओं की मुलाकात सेनटोसा द्वीप के आलिशान कपेले होटल में होनी तय हुई है।