Nobel Prize 2021 : अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा के लिए दिए गए शांति के नोबेल पुरस्कार

साल 2021 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा लगातार की जा रही हैं। इस कड़ी में अब शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई जो कि अमेरिका-रूस के पत्रकारों को अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा के लिए दिया गया हैं। बोलने की आजादी ही लोकतंत्र और स्थायी शांति की पहली शर्त है और इसके लिए ही अमेरिकी पत्रकार मारिया रेसा और दूसरे रूस के पत्रकार दिमित्री मुरातोव को यह सम्मान दिया गया हैं। नोबेल कमेटी ने कहा कि आजाद, स्वायत्त और तथ्य आधारित पत्रकारिता सत्ता की ताकत, झूठ और युद्ध के प्रोपेगंडा से रक्षा करने में अहम है। अभिव्यक्ति की आजादी और प्रेस की स्वतंत्रता के बिना देशों के बीच सौहार्द और विश्व व्यवस्था को सफल बनाना काफी मुश्किल हो जाएगा।

मारिया रेसा

फिलीपींस से नाता रखने वाली अमेरिकी पत्रकार मारिया रेसा न्यूज साइट रैप्लर (Rappler) की सह-संस्थापक हैं। उन्हें फिलीपींस में सत्ता की ताकत के गलत इस्तेमाल, हिंसा और तानाशाही के बढ़ते खतरे पर खुलासों के लिए पहले भी सम्मानित किया जा चुका है। नोबेल कमेटी ने अभिव्यक्ति की आजादी में उनकी भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्हें इस सम्मान का हकदार बताया।

दिमित्री मुरातोव

रूस के दिमित्री मुरातोव को भी नोबेल शांति पुरस्कार देने का एलान किया गया। वे रूस के स्वतंत्र अखबार नोवाजा गजेटा के सह-संस्थापक हैं और पिछले 24 साल से पेपर के मुख्य संपादक रहे हैं। रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के तानाशाही राज के बावजूद मुरातोव को अपने अखबार के जरिए सरकार की योजनाओं की आलोचना के लिए जाना जाता रहा है। नोबेल कमेटी ने कहा कि मुरातोव कई दशकों से रूस में अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा कर रहे हैं।