अभी कोई देश नहीं दे रहा बच्चों को वैक्सीन, जल्द भारत में शुरू होगा ट्रायल: केंद्र सरकार

बच्चों को कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा दावा किया है। सरकार ने अपने बयान में यह दावा किया है कि दुनिया के किसी भी देश में बच्चों को वैक्सीन नहीं दी जा रही है। WHO ने भी बच्चों को वैक्सीन देने की बात नहीं की है। हालाकि,सरकार ने कहा कि भारत में जल्द बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल (Vaccine Trial) शुरू होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर को लेकर आगाह करना शुरू कर दिया था। कहा जा रहा था कि तीसरी लहर का प्रभाव बच्चों पर सबसे ज्यादा पड़ सकता है। सरकार ने इस दौरान साल के अंत तक वैक्सीन के 200 करोड़ से ज्यादा डोज का अनुमान लगाया है।

दरअसल, देश में वैक्सीनेशन की कमी को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए जा रहा हैं। कई राज्य सरकारों के साथ-साथ विपक्ष भी मोदी सरकार पर वैक्सीनेशन को लेकर गंभीर आरोप लगा रहा है जिनसे जनता के मन में भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार 2020 की शुरुआत से अधिक कंपनियों को वैक्सीन का उत्पादन करने में सक्षम बनाने के लिए एक प्रभावी सूत्रधार की भूमिका निभा रही है। बच्चों के वैक्सिनेशन को लेकर सरकार ने कहा है कि परीक्षणों के आधार पर पर्याप्त डेटा उपलब्ध होने के बाद हमारे वैज्ञानिकों द्वारा यह निर्णय लिया जाना है। साथ ही यह भी कहा गया है कि व्हाट्सऐप ग्रुपों पर जारी दहशत को लेकर बच्चों का टीकाकरण तय नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि राजनेता इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि भारत बायोटेक 2 से 18 साल के बच्चों पर फेज 2 और फेज 3 के क्लीनिकल ट्रायल जून में शुरू करने जा रही है। कुछ दिनों पहले ही कंपनी को 2-18 आयुवर्ग में क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति मिली थी। भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मिलकर कोवैक्सीन को तैयार किया है। वहीं, इसके अलावा अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन 12 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को दी जा सकती है। वहीं, कनाडा ने 12-15 साल के बच्चों के लिए फाइजर की वैक्सीन को अनुमति दे दी है।