निर्भया केस: दोषी विनय शर्मा को लगा झटका, राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका

निर्भया के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। विनय ने राष्ट्रपति को दी गई अपनी अर्जी में कहा था कि जेल में रहने के दौरान उसका मानसिक उत्पीड़न हुआ है। विनय ने राष्ट्रपति से गुजारिश की थी कि वो जो भी समय उचित हो वो बता दें, ताकि उसके वकील एपी सिंह उसका पक्ष मौखिक तौर पर राष्ट्रपति के समक्ष रख सकें। विनय के वकील एपी सिंह ने बुधवार को राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की थी। विनय की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। चारों दोषियों में से यह दूसरी दया याचिका है, जो राष्ट्रपति के पास लगाई गई थी। इससे पहले मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं। इससे पहले शुक्रवार को दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे मिलने वाली फांसी एक बार फिर टल गई है। ये दूसरी बार है जब दोषियों की फांसी टाली गई। इससे पहले निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया गया था, लेकिन बाद में इसको टाल दिया गया था। चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए नया डेथ वारंट जारी किया जाएगा। हालांकि, दया याचिका खारिज होने के बाद विनय के पास अब भी विकल्प है। मुकेश की तरह वो भी चुनौती याचिका दायर कर सकता है।

क्या लिखा था दया याचिका में?

विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दायर अपनी दया याचिका में अपनी मां और पिताजी से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा था कि वह जीना नहीं चाहता था, लेकिन जब उससे उनके मां-बाप मिलने आए और उन्होंने कहा कि बेटा तुमको देखकर हम जिंदा हैं तब से मैंने मरने का खयाल छोड़ दिया है। विनय ने दया याचिका में कहा कि मेरे पिताजी और मां ने कहा कि तू हमारे लिए जिंदा रह।

बता दें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी को 14 दिनों का वक्त दिया जाता है। 1 फरवरी से पहले निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी जो टल गई थी।