मुम्बई में ही 1 सितम्बर को होगी एनडीए की बैठक, इंडिया गठबंधन को पटखनी देने की तैयारी में भाजपा

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी दोनों खेमों भाजपा और कांग्रेस की ओर से बड़े स्तर पर चल रही हैं। दोनों गठबंधन अपना विस्तार करने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर दोनों गठबंधनों की एक बैठक एक सितंबर को मुंबई में होने जा रही है। इससे पहले 18 जुलाई को भी दोनों गठबंधन की बैठक हुई थी।

इंडिया गठबंधन की मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली बैठक से पहले अपने खेमे को और बढ़ाने के उपाय में लगी थी। पिछले दो दिन से खबर आ रही थी कि NDA की बैठक में जो पार्टियां शामिल हुई थी उसमें से चार या पांच पार्टियां इस बार इंडिया गठबंधन के बैठक में शामिल हो जाएंगी। अगर ऐसा हो जाता तो एक मनोवैज्ञानिक असर NDA खेमा में दिखता। लेकिन इंडिया गठबंधन को जवाब देने का पूरा प्लान एनडीए भी तैयार कर चुका है। 18 जुलाई के बाद अब 1 सितंबर को देश की आर्थिक राजधानी में दोनों ही गठबंधनों के बीच सीधी टक्कर दिखाई देगी।

अजित पवार गुट निभाएगी मुख्य भूमिका

एक तरफ I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक होगी तो दूसरी तरफ मुंबई में NDA के सहयोगी दलों की भी जुटान होगी। NDA की होने वाली मीटिंग में अजित पवार गुट मुख्य भूमिका में होगी। इस बैठक में एनसीपी के अजित पवार के गुट का प्रतिनिधित्व सुनील तटकरे करेंगे। जब इस मीटिंग की टाइमिंग को लेकर सुनील से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा 'हमारी मीटिंग की तारीख काफी पहले ही तय हो गई थी। मानसून सत्र से पहले ही हमारी कोऑर्डिनेशन कमेटी ने इस बैठक को लेकर समय तय कर दिया था। इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता कि इंडिया गठबंधन की बैठक को देखते हुए यह मीटिंग रखी गई है।'

इंडिया गठबंधन की बैठक में किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, इंडिया की बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की रणनीतियों और राज्यवार सीटों के बंटवारे पर चर्चा होगी। साथ में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इस दौरान इंडिया गठबंधन का लोगो भी जारी किया जायेगा।

नीतीश कुमार क्या बोले


विपक्षी गठबंधन बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार ने मुंबई में होने वाली बैठक को लेकर कहा 'इस मीटिंग में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी। इसके अलावा मीटिंग में हमारा अजेंडा और सीट शेयरिंग का फार्मुला भी तय किया जाएगा। कुछ और दल भी गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं। हम 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा दलों को साथ लाने के प्रयास में हैं।'