'द कश्मीर फाइल्स' के जरिए देश में जहरीला माहौल बना रही बीजेपी: शरद पवार

11 मार्च को रिलीज़ हुई 1990 में हुए कश्मीर विद्रोह के दौरान कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार पर आधारित विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म, 'द कश्मीर फाइल्स' एक तरफ बॉक्स ऑफिस पर लगातार कमाई कर रही है वहीं, दूसरी तरफ इसके पक्ष और विपक्ष में नेताओं व लोगों के बयान आ रहे हैं। गुरुवार को दिल्ली प्रदेश राकांपा के अल्पसंख्यक विभाग के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने फिल्म को लेकर बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि फिल्म द कश्मीर फाइल्स के जरिए बीजेपी घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को लेकर झूठा प्रचार कर देश में जहरीला माहौल बना रही है।

शरद पवार ने कहा कि ऐसी फिल्मों के प्रदर्शन की मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए थी लेकिन सरकार ने इसे टैक्स फ्री कर दिया। जिन लोगों के पास देश को एक रखने की जिम्मेदारी है, वही लोगों को ऐसी फिल्म देखने को कह रहे हैं ताकि लोगों में गुस्सा भड़के। उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्म को स्क्रीनिंग के लिए क्लियर नहीं किया जाना चाहिए था।

पवार ने कहा कि यह सच है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़नी पड़ी थी लेकिन मुसलमानों को भी उसी तरह से निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों पर हमले के लिए जिम्मेदार हैं। पवार ने कहा कि अगर सच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों की परवाह या उनके लिए कुछ करना चाहती है तो उनके पुनर्वास के लिए हर कोशिश करनी चाहिए। अल्पसंखकों को लेकर उनके मन में गुस्सा नहीं भड़काना चाहिए।

राकांपा प्रमुख ने चर्चा में देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू को घसीटने पर भी बीजेपी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को तब घाटी छोड़नी पड़ी थी, जब विश्वनाथ प्रताप सिंह पीएम थे। उन्होंने कहा कि उस समय वीपी सिंह की सरकार का समर्थन भाजपा कर रही थी। तब जगमोहन जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। बाद में जगमोहन ने बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इन्होंने ही कश्मीरी पंडितों की कश्मीर घाटी से निकलने में मदद की। साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ने द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर टिप्पणी के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरने पर बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक आंदोलनों का स्वागत है, लेकिन अल्पसंख्यकों के बारे में बोलने पर केजरीवाल की आलोचना की गई। भाजपा देश को एक अलग मार्ग पर ले जा रही है। वह देश की एकता को नष्ट कर रही है।