नई दिल्ली। पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से जारी गर्मी का दौर अभी थमा भी नहीं है कि अब ज्येष्ठ माह में गर्मी का विकराल रूप देखने को मिल सकता है। मई के महीने से ज्यादा गर्मी ज्येष्ठ माह (मई-जून) में पड़ती है। ज्येष्ठ माह के शुरूआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है। इस दौरान सूर्य अपने सबसे ताकतवर रूप में होते हैं। धरती से आग उगलती है।
सूर्य देव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा का प्रारंभ हो जाता है। नौतपा में सूर्योदय से सूर्यास्त तक बेहद गर्म हवाएँ चलती हैं, लू का खतरा मंडराता है। इस बार सूर्य देव 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहे हैं। नौतपा 25 मई से शुरू होगा। नौतपा की अवधि 25 मई से 2 जून तक है। इस अवधि में प्रचंड गर्मी पड़ेगी।
ज्योतिषी गणनाओं के अनुसार सूर्य देव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने पर नौतपा काल की शुरुआत हो जाती है। नौतपा के शुरू होने के 9 दिनों तक धरती पर भीषण गर्मी का प्रकोप होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनिवार, 25 मई 2024 को प्रातः 3:16 बजे से नौतपा काल की शुरुआत हो रही है। सूर्यदेव एक नक्षत्र में अधिकतम 15 दिनों तक रहते हैं, शनिवार, 8 जून 2024 को रात 1:06 बजे तक सूर्य रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे।
रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही सूर्य और धरती के बीच की दूरी बेहद कम हो जाती है। सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं तो इस बीच तापमान सबसे ज्यादा होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा ही है, जो शीतलता का प्रतीक है। लेकिन जब सूर्य चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो सूर्य चंद्रमा के इस नक्षत्र को भी अपने प्रभाव में ले लेता है इससे चंद्रमा का प्रभाव भी कम हो जाता है।
इस साल 2024 में नौतपा के दौरान शनि वक्री अवस्था में रहेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ग्रहों की स्थिति इस बार नौतपा में तेज हवा, बवंडर और बारिश का संकेत दे रही है। नौतपा के आखिरी 2 दिनों में आंधी-बारिश की संभावनाएं हैं।
नौतपा में सूर्य प्रचंड रूप में रहते हैं। इस दौरान सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करें। लोगों को ठंडी चीजें जैसे पानी, शरबत, रसदार फल, छाता, नींबू पानी, छाछ, दही, सत्तू आदि का दान करें। इससे सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।