बदला जाएगा गाजियाबाद जनपद का नाम, निगम बोर्ड योगी सरकार को भेजेगा प्रस्ताव

गाजियाबाद। उत्तरप्रदेश के शहरों के नाम बदलने में लगी योगी सरकार अब जल्द ही गाजियाबाद जनपद का नाम भी बदलने की तैयारी में है। फैजाबाद (अयोध्या), इलाहाबाद (प्रयाग) के बाद अब गाजियाबाद तीसरा ऐसा जिला होगा जिसे जल्द नई पहचान मिल सकती है। गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इसे शासन को भेजने का फैसला लिया गया है। महापौर सुनीता दयाल ने बताया कि यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। नए नाम को लेकर उन्होंने गेंद सरकार के पाले में डाल दी है। सुनीता ने कहा कि शासन जनपद का नया नाम क्या रखेगा वह वहीं से तय होगा।

गाजियाबाद जनपद का नाम बदलने का प्रस्ताव मंगलवार को गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में रखा गया है। महापौर सुनीता दयाल ने बताया कि यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। शासन जनपद का क्या नाम रखेगा वह वहीं से तय होगा। गाजियाबाद जनपद का नाम बदलने का प्रस्ताव भाजपा पार्षद संजय कुमार सिंह ने रखा है। उनकी मांग है कि गाजियाबाद का नाम बदलकर गजनगर या फिर हर नंदी नगर कर दिया जाए।

गाजियाबाद स्थित दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरि ने जुलाई 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके जिले का नाम बदलने की मांग की थी। उन्होंने गजप्रस्थ, हरनंदीपुरम या दूधेश्वररथ नगर नाम रखने का सुझाव दिया था। माना जा रहा है कि सरकार इन सभी विकल्पों पर विचार करने के बाद कोई फैसला कर सकती है।

मुगल शासन के दौर में गाजियाबाद को मौजूदा नाम मिला था। मुगल बादशाह औरंगजेब के शासन काल में यहां के नवाब गजीउद्दीन के नाम पर सन 1740 में हिंडन नदी किनारे बसे शहर का नामकरण किया गया था। हाल के समय में कई बार गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग हो चुकी है। दावा किया जाता है कि महाभारत काल में यह हस्तीनापुर का ही हिस्सा था।

राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद की सीमा उत्तर प्रदेश में मेरठ, गौतमबुद्धनगर, हापुड़ और बुलंदशहर जैसे जिलों से सटी है। हिंडन नदी के दोनों ओर घनी आबादी वाले गाजियाबाद की आबादी 2011 की जनगणना के मुताबिक 46 लाख से अधिक है। आबादी के लिहाज से यह देश का 28वां सबसे बड़ा जिला है।