मुंबई विमान हादसाः जिसने देखा उसने कहा- कभी नहीं देखा ऐसा हादसा

मुंबई के सर्वोदय नगर में गुरुवार दोपहर एक चार्टर्ड विमान क्रैश हो गया। विमान एक निर्माणाधीन बिल्डिंग से टकराया और इसके बाद इसमें आग लग गई। घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड ने आग को बुझाने के काम शुरू हो गया। इस हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस विमान हादसे में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें एक पायलट, तीन पैसेंजर और एक नागरिक शामिल है। नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। प्लेन ने जुहू एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। विमान ट्रेनिंग फ्लाइट पर था। उत्तर प्रदेश सरकार इस विमान को इलाहाबाद में एक हादसा होने के बाद 2014 में ही बेच चुकी थी। पहले बताया जा रहा था कि चार्टर्ड विमान यूपी सरकार है। लेकिन बाद में यूपी सरकार ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि यह विमान यूपी सरकार का नहीं है। आपको बता दें कि जिस जगह से विमान क्रैश हुआ है वो एक रिहायशी इलाका है।

कभी नहीं देखा ऐसा हादसा

घाटकोपर (पश्चिम) के रहने वाले जिन लोगों ने इस हादसे को होते हुए देखा उन्होंने बताया कि चार्टर्ड विमान जैसे-जैसे नीचे आ रहा था उनका डर बढ़ता जा रहा था। उन्हें डर था कि जलता हुआ विमान उनके घरों में ना क्रैश हो जाए। जिसने भी इस हादसे को देखा उसने कहा कि ऐसा हादसा कभी नहीं देखा।

पांच लोगों ने गंवाई जान

विमान ओल्ड मलिक एस्टेट, जीव दया लेन में टेलीफोन एक्सचेंज के पास निर्माण स्थल पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई और साथ ही एक पैदल यात्री की भी मौत हो गई।

लंच टाइम ने बचा दी कई मजदूरों की जान

निर्माण स्थल के अधिकारियों ने कहा कि विमान हादसा कुछ देर पहले हुआ होता तो आज कई जिंदगी काल के गाल में समा गई होती। विमान दोपहर 1.15 बजे क्रैश हुआ, तब वहां काम कर रहे सारे मजदूर लंच पर चले गए थे। मजदूरों को तीन बजे काम पर वापस आना था। निर्माण स्थल के अधिकारी जिग्नेश पटेल ने बताया कि अगर लंचटाइम न होता तो मौत की संख्या 30 के पार होती। वहां 30 मजदूर कार्यरत थे।

घर की बालकनी से होकर गुजरा विमान

घटनास्थल से तकरीबन आधा किमी. की दूरी पर रहने वाले व्यापारी अनंत कंधोर ने कहा कि उन्हें बहुत अजीब लगा कि विमान इतना नीचे क्यों हैं। फिर जब विमान उनके घर की बालकनी से होकर गुजरा तो उन्हें लगा कि हादसा उनकी ही इमारत में हो जाएगा।

कहीं खाली स्थान तो नहीं तलाश रहा था पायलट!

घटनास्थल के करीब रहने वाले हरिभाई पटेल ने बताया कि विमान उनके इमारत के बगल से होते हुए निर्माणस्थल के बैरिकेड व पेड़ों से जाकर टकराया। हादसे को देखने के बाद उन्हें लगा कि विमान के पायलट ने निर्माणस्थल को खाली जगह समझ कर वहां लैंड करना चाहा और हादसा हो गया।

हादसे की जगह से कुछ दूरी पर थे 250 बच्चे

हादसे की जगह से चंद कदम की दूरी पर मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट है। हादसे के वक्त इंस्टिट्यूट में कम से कम 250 छात्र क्लास ले रहे थे।

घाटकोपर की रहने वाली नैना गाला ने बताया कि जहां हादसा हुआ वहां पिछले पांच साल से निर्माण कार्य चल रहा है। फ्लाइंग जोन क्षेत्र होने के कारण प्रशासन की तरफ से इमारत की मंजिल बढ़ाने में अड़चन आ रही थी। हाल ही में क्लियरेंस मिलने के बाद इमारत का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।

लोग देखते रहे चली गई पैदलयात्री की जान

हादसे में मृत पैदलयात्री के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चाहकर भी उसे नहीं बचाया जा सका। हादसे के दौरान विमान का हिस्सा यात्री को जाकर लगा, इस बीच कोई कुछ कर पाता तब तक विमान का ईंधन फैल गया और आग लग गई।