मुंबई विमान हादसा: कैप्टन मारिया ने दिखाई सूझबूझ, वरना मच सकता था हाहाकार

यूवाई एविएशन की अनुभवी पायलट और मीरा रोड के काशीमीरा परिसर में रहने वाली 48 वर्षीय मारिया ने सूझबूझ का परिचय दिया। मारिया ने अपनी जान दे दी लेकिन रिहाइशी इलाके में विमान नहीं गिरने दिया। विमान हादसे के बाद उनके परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। मारिया की इकलौती बेटी है जो 10वीं की छात्रा है। मारिया के पड़ोसियों ने बताया कि विमान में खराबी आने पर पता नहीं उनके मन में क्या सूझा।

शायद इसलिए उन्होंने निर्माणाधीन इमारत की जगह पर विमान का रुख मोड़ा। अन्यथा रिहाइशी इलाके में विमान गिरने से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान होता। विमान घाटकोपर के सर्वोदय नगर में पृथ्वी रिएल्टीज के एक निर्माणाधीन इमारत परिसर में गिरा। हादसा इतना भयानक था कि आसपास के लोग सहम गए। जिस वक्त विमान क्रैश हुआ उस समय इमारत में 50 से ज्यादा मजदूर दोपहर का भोजन कर रहे थे। फिर भी दो मजदूर इसकी चपेट में आकर झुलस गए।

ब्लैक बाक्स से होगा विमान हादसे का खुलासा

विमान से बरामद किए गए ब्लैक बाक्स से दुर्घटना का खुलासा होगा। ब्लैक बाक्स विमान के उड़ान के दौरान सभी अहम रिकार्ड को सुरक्षित रखता है और पायलट के आखिरी संवाद अगर दुर्घटना से पहले के पायलट के आखिरी संवाद भी इसमें रिकॉर्ड हो जाता है। इसके जरिए विमान दुर्घटना के मुख्य कारण का पता चल सकेगा। ब्लैक बाक्स के दो हिस्से होते हे जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वाइस रिकॉर्डर (सीवीआर) का समावेश है।