स्वतंत्रता दिवस विशेष : जवाहर लाल नेहरु के प्रेरक विचार

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु भारत की आजादी के संघर्ष का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे थे। उन्होंने महात्मा गाँधी के साथ भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए एक साथ संघर्ष किया और देश की आजादी के बाद अपनी मृत्यु तक देश की जनता की भलाई के लिए काम करते रहे और देश की सेवा करते रहे। जवाहर लाल नेहरु को बच्चों से लगाव के चलते “चाचा नेहरु” के नाम से जाना जाता हैं। आज हम आपको जवाहर लाल नेहरू के कुछ प्रेरक विचारों को आपके सामने लाने जा रहे हैं।

* जब तक मुझे खुद लगता है की किया गया काम सही काम है तब तक मुझे संतुष्टि रहती है।
* तथ्य तो तथ्य होता है, आपके पसंद न करने पर गायब नहीं हो जायेगा।

* कभी भी महान कार्य और छोटे लोग एक साथ नहीं चल सकते।

* शांति के बिना सभी सपने खो जाते है और राख में मिल जाते है।

* जो व्यक्ति सफल हो जाता है वह हर चीज फिर शांति और व्यवस्था के लिए चाहता है।

* जो व्यक्ति भाग जाता है वह शांत बैठे व्यक्ति की तुलना में ज्यादा परेशानी में रहता है।

* हम वास्तविकता में क्या हैं यह अधिक मायने रखता है बजाय इसके कि लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं।

* हमे असफलता तभी मिलती है जब हम अपने उद्देश्य, आदर्श और सिद्धांतो को भूल जाते है।

* हर हमलावर देश की यह दावा करने की आदत होती है कि यह कार्य वह अपनी रक्षा के लिए कर रहा है।

* जो व्यक्ति हमेशा अपने ही गुणों का बखान करता है वो सबसे कम गुणी होता है।