भारत की वर्तमान स्थिति को अपराधों के बढ़ते आंकड़ों के नजरिये से देखा जाये तो देश की यह स्थिति काफी भयावह हैं। आये दिन गलियों और बाजारों में खुले-आम अपराध होने लगे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इन कई अपराधों के पीछे महिला अपराधियों का भी बड़ा हाथ होता हैं। हांलाकि पुरुष अपराधियों की संख्या ज्यादा है लेकिन अपराधियों में महिलाओं की संख्या भी काम नहीं हैं। भारत में ऐसी कई खूंखार महिला अपराधी भी हुई हैं जिनका नाम सुनकर भी लोग कांपने लग जाते थे। आज हम आपको भारत की खूंखार महिला अपराधीयों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं उनके बारे में।
* फूलन देवी : बैंडिट क्वीन व चंबल की रानी कही जाने वाली फूलन देवी का देश की खूंखार महिला अपराधियों की सूची में आता है। फूलन के अपराध की दुनिया में आने के पीछे की सबसे बड़ी वजह कम उम्र में शादी और सामूहिक बालात्कार थी। बदले की आग में फूलन ने 22 ठाकुरों को गोलियों से भून दिया था। इन्होंने हत्या, लूटपाट, अपहरण जैसे कई गंभीर मामलों को अंजाम दिया था। दो बार सांसद रहीं फूलन को 11 साल के ट्रायल के बाद उन्हें बरी कर दिया गया था। इन पर फिल्म बैंडिट क्वीन भी बनी थी।
* शशिकला रमेश पाटनकर : मुंबई में सबसे बड़े ड्रग माफियाओं में कभी शशिकला रमेश पटानकार का सिक्का चलता था। दूध बेचने के धंधे से शुरुआत कर भीतर ही भीतर कब वे जहर बेचने के धंधे में आ गईं लोगों को पता ही नहीं चला। दो दशकों तक वे ड्रग माफिया की दुनिया में छायी रहीं। इससे उन्होंने 100 करोड़ रुपए तक की प्रॉपर्टी तैयार कर ली। 2015 में मुंबई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
* शोभा अय्यर-द मिस्टीरियस गैंग क्वीन : शोभा अय्यर प्रभावशाली ‘लेडी डॉन’ का नाम है। शोभा अय्यर ने दक्षिण भारत में खासकर तमिलनाडु के अपराध की दुनिया पर राज किया। उसकी मर्जी के बगैर कोई पत्ता नहीं हिलता था। शोभा अय्यर को राजनीतिक संरक्षण भी मिला हुआ था, तो उसका संबंध लिट्टे जैसे आतंकी संगठन से भी जुड़े रहे। वैसे, शोभा अय्यर को सामने से बहुत कम ही लोगों ने देखा है। यहां तक कि पुलिस के पास भी शोभा अय्यर का वास्तविक फोटो नहीं है। शोभा कितनी खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी है।
* संतोकबेन सरमनभाई जडेजा : इस लिस्ट में महिला अपराधी संतोकबेन का नाम भी शामिल है। इनके अपराध की दुनिया में आने के पीछे पति की मौत का बदला लेना एक बड़ा कारण था। 1987 में संतोकबेन ने एक गैंग बनाया। वह इस गैंग की संचालिका थीं। वह अपने विराधियों की हत्या को अंजाम देने के लिए एक लाख रुपये देती थीं। वहीं खुद इन्होंने करीब 15 हत्याएं की। इनके गैंग पर भी करीब 500 से ज्यादा अपराध के मामले दर्ज हए। इन भी बनी फिल्म गॉडमदर बनी थी।
* बेला आंटी : 70 के दशक में बेला आंटी का नाम मुंबई की सबसे ताकतवर गैंगस्टर्स में शुमार था। अवैध शराब कारोबार में उन्होंने कई अन्य गंभीर अपराधों को भी अंजाम दिया। उनकी शराब की गाड़ियों को रोकने की न तो पुलिस में हिम्मत थी और न ही दूसरे गैंगस्टर्स की।