कोरोना की पहली लहर पर भारी अप्रैल का यह महीना, 70 फीसदी पर पहुंची रिकवरी रेट

राजस्थान में बीते दिन 24 घंटे के अंदर रिकॉर्ड 17,269 पॉजिटिव केस मिल हैं, जो एक दिन में मिले संक्रमित केसों में सर्वाधिक है। वहीं, कोरोना से एक दिन में 158 मरीजों की मौत भी हुई। ये आंकड़े कोरोना की भयावहता को दर्शाने वाले हैं। कोरोना की दूसरी लहर का यह अप्रैल महिना ही पहली लहर पर भारी पड़ रहा हैं। राज्य में अप्रैल के 29 दिनों के अंदर अब तक 2.47 लाख से ज्यादा नए संक्रमित मिल चुके हैं, जबकि पहली लहर में चार महीने में भी इतने मरीज पूरे राज्य में नहीं मिले थे।
दूसरी लहर इससे कई गुना ज्यादा घातक साबित हो रही है। दूसरी लहर की शुरुआत मार्च के अंतिम सप्ताह से मानी जा रही है। अप्रैल के 29 दिन में अब तक 2,47,697 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 1230 लोगों की मौत हो गई है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक इस माह का आखिरी सप्ताह रहा है, जिसमें 7 दिन के अंदर 1.10 लाख से ज्यादा संक्रमित केस मिले हैं। वहीं इसी सप्ताह मौत भी 596 लोगों की हुई है।

राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में सितंबर में पहली लहर का प्रभाव तेजी से बढ़ना शुरू हुआ था, जिसका पीक नवंबर में पहुंचा था। दिसंबर के शुरुआती 10 दिन भी कोरोना केस बड़ी संख्या में आए थे, लेकिन दिसंबर अंत तक इनमें गिरावट होनी शुरू हो गई थी। पूरे चार माह सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में राज्य में 2,27,371 संक्रमित केस मिले थे। जबकि इन चार महीनों में संक्रमण से 1648 मरीजों की जान गई थी। पहली लहर में नवंबर महीने में सबसे ज्यादा 71,130 लोग संक्रमित हुए थे, जबकि मौत सबसे ज्यादा सितंबर में 438 मरीजों की हुई थी।

रिकवरी रेट 70 फीसदी पर पहुंची

सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी संक्रमित हो गए है। कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए सरकार राज्य में लगाए सशर्त लॉकडाउन को 3 मई से बढ़ाकर 15 मई तक कर सकती है। राजस्थान में संक्रमण बढ़ने के साथ रिकवरी रेट का ग्राफ भी धीरे-धीरे नीचे आ रहा है। शुक्रवार को राज्य की रिकवरी दर गिरकर 70.11% पर पहुंच गई । रिकवरी दर की रैंकिंग में उत्तराखंड के बाद राजस्थान दूसरा ऐसा राज्य है, जहां सबसे कम रिकवरी रेट है। उत्तराखंड में रिकवरी रेट 68.80% है, जो देश में सबसे कम है। वहीं एक्टिव केस के मामले में महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान का नंबर आता है।