उत्तराखंड : फर्जी आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट के साथ पकड़े गए 50 से अधिक पर्यटक, हजारों को भेजा वापस

उत्तराखंड को पर्यटन के लिए जाना जाता हैं जिसमें इस कोरोनाकाल में कई लोग घूमने जा रहे हैं। लेकिन उत्तराखंड सरकार के नियमों के अनुसार राज्य में प्रवेश के लिए आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट में कोरोना निगेटिव आना जरूरी हैं। कई लोग बिना आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट के पर्यटन के लिए पहुंच रहे हैं तो उन्हें लौटाया जा रहा हैं। ऐसे में फर्जी आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट लेकर आने वाले लोगों का सिलसिला अब भी जारी है। रविवार को मसूरी और देहरादून के पर्यटन स्थलों पर घूमने के लिए आने वाले 50 से अधिक लोगों से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच के दौरान आरटीपीसीआर जांच की फर्जी रिपोर्ट पकड़ी। जिन्हें एंटीजन जांच के बाद ही निगेटिव आने पर ही जिले में प्रवेश करने दिया गया। बड़ी संख्या में फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग रणनीति बना रहा है।

पिछले कुछ दिन से लगतार फर्जी रिपोर्ट लेकर आने वाले जांच के दौरान पकड़ में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम बार कोड का मिलान न होने और दूसरी गड़बड़ियां मिलने पर इन्हें पकड़ रही है। इनमें से ज्यादातर लोग हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब आदि राज्यों से हैं। इन लोगों में से कुछ का कहना था कि उन्हें ट्रेवल एजेंसियों ने जांच रिपोर्ट दिलाने की बात कही थी। बाकायदा जांच के नाम पर सैंपल भी लिए और उनसे प्रति रिपोर्ट के भी डेढ़ हजार से दो हजार रुपए तक भी वसूले गए।

पुलिस ने रविवार को भी हजारों पर्यटकों को विभिन्न बैरियरों ने वापस घर का रास्ता दिखाया। इनके पास न तो आरटीपीसीआर थी और न ही अन्य जरूरी दस्तावेज। पूरे दिन में 1200 से ज्यादा वाहनों को बॉर्डर और शहर के भीतर बैरियरों से वापस किया गया। रविवार को विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगे बैरियरों से पुलिस ने 1235 वाहनों को वापस किया था। इनमें दोपहिया और चौपहिया दोनों तरह के वाहन शामिल हैं।