मनी लॉन्ड्रिंग केस: ED ने पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ली

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से अपनी विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) वापस ले ली, जिसमें कथित अवैध खनन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यमुनानगर के पूर्व विधायक और वरिष्ठ आईएनएलडी नेता दिलबाग सिंह की गिरफ्तारी को रद्द करने के पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी।

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि वह याचिका वापस लेना चाहते हैं, जिस पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां शामिल थे, ने सहमति व्यक्त की और कहा, एसएलपी को वापस ले लिया गया मानते हुए खारिज किया जाता है और कानून का सवाल खुला रखा जाता है।

सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि कानून का यह प्रश्न कि क्या ईडी उन आरोपियों की आवाजाही पर रोक लगा सकता है जिनके परिसरों की तलाशी ली जा रही है, खुला रखा गया है।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सिंह की गिरफ्तारी को रद्द करते हुए अपने आदेश में कहा था कि ईडी उन व्यक्तियों की आवाजाही पर रोक नहीं लगा सकता, जिनके परिसरों की तलाशी मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में ली जा रही है। ईडी ने उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए इसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, सिंह और उनके परिवार के सदस्यों को ईडी ने 4 से 8 जनवरी, 2024 तक अवैध रूप से हिरासत में रखा था, जब उनके घरों पर तलाशी और जब्ती हुई थी। हाईकोर्ट ने सिंह के पक्ष में आदेश देते हुए कहा, यह स्पष्ट है कि प्रतिवादी अधिकारियों (ईडी) ने याचिकाकर्ता (सिंह) और अन्य को 04 जनवरी से 08 जनवरी, 2024 तक पांच दिनों की अवधि के लिए संबंधित परिसर में अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा था।