शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने को मोदी सरकार तैयार

मोदी सरकार शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ कर रहे प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए तैयार हो गई है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने एक ट्वीट में शनिवार को इस बात के संकेत दिए हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारियों से बात करने को तैयार है, CAA पर उनकी हर शंका दूर करने को तैयार हैं लेकिन उन्हें इसके लिए व्यवस्थित माहौल बनाना होगा। बता दे, दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले करीब 50 दिन से नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। यहां हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाएं नागरिकता संशोधन एक्ट, एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। इस विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली-नोएडा के रास्ते में रुकावट पैदा हो रही है जिसपर बीजेपी की ओर से निशाना साधा जा रहा है। हालाकि, बीते गुरुवार इस बात के संकेत मिल रहे थे कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी बंद पड़े एक रास्ते को खोल सकते हैं, ताकि लोगों को नुकसान ना हो। लेकिन जब देर रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने वाली थी, तो प्रदर्शनकारियों के बीच असहमति के सुर दिखाई पड़े और फिर इस तरह का फैसला रद्द हो गया।

एक टीवी कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘...अगर आप विरोध कर रहे हैं तो अच्छी बात है...लेकिन आपके लोगों का जब हम कोई स्वर सुनते हैं वो कहते हैं कि CAA जबतक वापस नहीं होगा तो बात नहीं होगी। अगर ये चाहते हैं कि सरकार का कोई प्रतिनिधि बात करे तो एक स्ट्रक्चर तरीका होना चाहिए। अगर आप कहिएगा कि वहीं पर आकर बात करिए, तो कैसे होगा’।

बता दें कि बीते 15 दिसंबर से यहां नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहा है। इससे पहले शुक्रवार को चुनाव आयोग की टीम ने शाहीन बाग का दौरा किया था। इस दौरान इस टीम ने ये जानने का प्रयास किया कि यहां 8 फरवरी को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से चुनाव करवाये जा सकते हैं या नहीं। दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह ने एएनआई से बातचीत में कहा कि वो शाहीन बाग में चुनाव के पहले की तैयारियों का जायजा लेने आए थे। उन्होंने बताया कि इस इलाके में 5 पोलिंग बुथ हैं, जहां वोटरों को आने और जाने में कोई समस्या नही होगी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने स्थानीय लोगों से वोट देने की अपील की।

शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मोदी सरकार के द्वारा लाया गया CAA कानून संविधान के खिलाफ है। ये कानून अल्पसंख्यकों के खिलाफ है जो भारत के मूल नियमों का उल्लंघन करती हैं। दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर देश के कई हिस्सों में इस प्रकार का प्रदर्शन हो रहा है, लखनऊ से लेकर मुंबई, बेंगलुरू से लेकर कोलकाता तक बीते दिनों में हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाएं इस कानून के खिलाफ आवाज़ उठा रही हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग का विरोध प्रदर्शन एक बड़ा मुद्दा बना है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से चुनाव प्रचार में कई ऐसे बयान दिए गए हैं, जो विवाद का विषय बने हैं। खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक सभा में कहा है कि दिल्ली के चुनाव से तय होगा कि आप शाहीन बाग के साथ हैं या फिर भारत माता के नारों के साथ।