पेंशन नियमों में मोदी सरकार ने किया ये बदलाव, राष्ट्रपति से मिली मंजूरी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय सिविल सेवा (54 पेंशन) नियम,1972 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। ये नियम केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) दूसरा संशोधन नियम, 2019 एक अक्टूबर, 2019 से लागू होंगे। संशोधित नियम 54 के अनुसार सरकारी सेवा में शामिल होने के सात वर्ष के अंदर कर्मचारी की मृत्‍यु होने पर सरकारी कर्मचारी का परिवार 10 वर्षों की अवधि के लिए अंतिम प्राप्‍त वेतन के 50 प्रतिशत की बढ़ी हुई दर से फैमली पेंशन के लिए पात्र होगा। इसके लिए सरकार ने पेंशन नियमों में संशोधनों को अधिसूचित कर दिया है। संशोधन प्रावधानों का लाभ केन्‍द्रीय सशस्‍त्र बलों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को मिलेगा।

सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनकी मृत्यु एक अक्टूबर, 2019 तक दस साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले हो जाती है और उन्होंने लगातार सात साल तक का सेवाकाल पूरा नहीं किया है, तो उनके परिजनों को एक अक्तूबर, 2019 से उप नियम (3) के तहत बढ़ी हुई दर पर पेंशन मिलेगी। इसके लिए पारिवारिक पेंशन पाने की अन्य शर्तों को पूरा करना होगा। इसमें कहा गया है कि मृत्यु पर ग्रेच्युटी के संदर्भ में ग्रेच्युटी की राशि कार्यालय के प्रमुख द्वारा उसके पूरे सेवाकाल के बारे में जानकारी और सत्यापन के बाद तय की जाएगी। कार्यालय प्रमुख अस्थायी मृत्यु ग्रेच्युटी के भुगतान की तारीख से छह माह के भीतर इस राशि को तय करेगा।

पहले ये था पेंशन का नियम

हालांकि, पुराने नियमों के मुताबिक, अगर सरकारी कर्मचारी ने अपनी मृत्‍यु से पहले सात वर्ष से कम की सेवा दी है तो शुरू से 30 प्रतिशत की दर से फैमली पेंशन दी जाती थी। इसी को देखते हुए सरकार ने कानून में बदलाव की जरूरत को महसूस किया। सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह संशोधन 01 अक्‍तूबर 2019 से लागू होगा।