नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण समारोह 2019 : 60 नेता बनाए जा सकते हैं मंत्री, मोदी और शाह के बीच फिर हो रही बैठक, इन नामों की सबसे ज्यादा चर्चा

लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद नरेंद्र मोदी व उनके मंत्रिमंडल आज शाम 7 बजे शपथ लेने वाले हैं। 2014 की तरह ही इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रीमंडल का शपथ ग्रहण समारोह मेगा इवेंट होने वाला है। देश के सबसे अहम पदों के लिए चुने गए लोगों के शपथ ग्रहण में अब कुछ ही घंटे बचे हैं, लेकिन उनके नामों को लेकर अभी संशय की स्थिति है। लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड जीत के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नव-निर्वाचित सांसदों की बैठक में सर्व-समत्ति से संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोई भी सांसद मंत्री पद के लिए अपने नाम को तय ना माने। ये फैसला सही समय पर लिया जाएगा। मोदी की दूसरी पारी में पीएमओ में भी फेरबदल देखने को मिलेगा। रायसीना हिल में तीन शीर्ष पदों पर बैठे अधिकारियों की भूमिका को लेकर काफी कयासबाजी चल रही है। ये अधिकारी हैं-प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और अतिरिक्त प्रधान सचिव पी। के। मिश्रा। वे पीएमओ में अहमियत रखते हैं। सवाल है कि अगले पांच साल के लिए पीएमओ के नए अवतार में क्या वे बने रहेंगे। प्रधानमंत्री कार्यकाल के साथ तीनों का कार्यकाल समाप्त होता है। प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा 74 साल के हो चुके हैं। 2014 में अध्यादेश के जरिए उनको इस पद पर लाया गया था, लेकिन 75 साल की उम्र सीमा के साथ उनकी संभावना पर विराम लगता है। प्रधानमंत्री एक आचार संहिता का पालन करते हैं, जहां उनकी मंत्रिपरिषद में 75 साल से अधिक उम्र के नेता नहीं होते हैं। शायद यही कारण है कि मुरली मनोहर जोशी और यशवंत सिन्हा जैसे कद्दावर नेताओं को 2014 में उनके मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया।

नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में भी जब शपथ ग्रहण का मौका आया था, तब भी कई मंत्रियों को उनके नामों के चुने जाने की खबर कार्यक्रम के कुछ घंटे के पहले ही लगी। ऐसी स्थिति में जब खुद नरेंद्र मोदी सभी तरह की अटकबाजियों को महज एक सिगूफा बताया है, तब भी कुछ जानकारियां छन-छन कर बाहर आ रही हैं।

ऐसा बताया जा रहा है कि आज पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट के करीब 60 पदों का शपथ ग्रहण हो सकता है। लेकिन इनमें से अहम पदों को लेकर बेहद अहम हस्तियों के नामों की चर्चा हो रही है।

अमित शाह : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, लंबे समय से मोदी के भरोसेमंद, मोदी 2.0 कैंपेन के सूत्रधार

मीडिया रिपोर्ट्स सबसे ज्यादा चर्चा इस वक्त भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की हो रही है। उन्होंने गुजरात के गांधी नगर से लोकसभा चुनाव जीता था। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से स्वतः खुद को कोई बड़ा पद ना दिए जाने का खत लिखने के बाद, अमित शाह को देश के अगले वित्त मंत्री बनने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि ऐसा करने से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद खाली हो जाएगा। लेकिन उस पद के लिए सबसे ज्यादा चर्चा हिमाचल प्रदेश से आने वाले बीजेपी नेता जेपी नड्डा का नाम सबसे आगे है।

अमित शाह से पहले इस पद के सबसे बड़े दावेदार पीयूष गोयल बताए जा रहे थे। लेकिन अमित शाह का नाम आगे आने से उनके नाम की रै‌किंग घट गई है।

रेल मंत्रालय का जिम्मा पीयूष गोयल को मिल सकता है

रेल मंत्री पद के लिए मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सबसे ज्यादा चर्चा में आने वाला नाम पीयूष गोयल का है। उन्होंने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी यह पद संभाला है। वे राज्य सभा के सदस्य हैं।

गृह मंत्रालय के दायित्व में सबसे आगे अमित शाह

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बीजेपी अध्यक्ष व नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी अमित शाह की प्रमुख भूमिका मानी जा रही है। जिन मंत्रालयों को संभालने को लेकर उनके नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है, उनमें गृह मंत्रालय का नाम सबसे ऊपर है।

रक्षा मंत्री पद के सबसे ज्यादा है राजनाथ सिंह की चर्चा, केंद्रीय गृह मंत्री, मौजूदा सरकार में नंबर-2, पूर्व बीजेपी अध्यक्ष

राजनाथ, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में गृह मंत्री पद पर रहे हैं। जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़ व झारखंड में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में वे लगातार सक्रिय रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में उनकी सक्रियता लगातार खबरों में बनी रही। अब ऐसा माना जा रहा है ‌कि अबकी रक्षा मंत्रालय का दायित्व उत्तर प्रदेश की लखनऊ लोकसभा से जीतकर आने वाले सांसद राजनाथ सिंह को दिया जा सकता है।

नितिन गडकरी को रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, मौजूदा सरकार में सबसे अच्छा काम

पूर्व सड़क एवं परिवहन मंत्री के रसायन व उससे जुड़े कार्यों में रुझान को देखते हुए उनके नाम की सबसे ज्यादा चर्चा रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के लिए हो रही है। नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के नागपुर से जीत दर्ज की है।

स्मृति ईरानी, राहुल को हराने के बाद क़द बढ़ा, मिल सकता है विदेश मंत्रालय का जिम्मा

उत्तर प्रदेश के बरेली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनाव हराने के बाद यह तो तय हो गया था कि मानव संसाधन व कपड़ा मंत्री का पद संभाल चुकी स्मृति ईरानी का कद बढ़ सकता है। उनका नाम सबसे आगे विदेश मंत्रालय के लिए चल रहा है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इसके बाद माना जा रहा है कि यह पद खाली है।

निर्मला सीतारमण पहली महिला रक्षा मंत्री, मुखर तरीक़े से रफ़ाल सौदे का बचाव, कर सकती हैं मानव संसाधन मंत्रालय का नेतृत्व

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में देश की पहली रक्षा मंत्री बनने वाली निर्मला सीतारमण का नाम मानव संसाधन मंत्री बनने के लिए सबसे आगे चल रहा है। वह राज्य सभा की सदस्य हैं।

संतोष गंगवार बनेंगे प्रोटेम स्पीकर, बन सकते हैं स्पीकर

पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने के बाद इस बार नए स्पीकर का चुना जाना तय है। ऐसे में प्रोटेम स्पीकर का नाम पहले ही तय हो चुका है। माना जा रहा है कि उन्हें लोकसभा स्पीकर भी चुना जाएगा।

बिहार सीएम नीतीश कुमार

कैबिनेट मंत्री के पद के लिए मुंगेर से सांसद और नीतीश कुमार के करीबी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और राज्यमंत्री के पद के लिए पूर्णिया से जेडीयू सांसद संतोष कुशवाहा के नाम की चर्चा है। वहीं, बीजेपी की ओर से मंत्री बनने वालों में पटना साहिब से नवनिर्वाचित सांसद रविशंकर प्रसाद का शपथ ग्रहण तय माना जा रहा है, जबकि आरके सिंह और गिरिराज सिंह का नामों की भी चर्चा है।

महाराष्ट्र की जीत का शिवसेना को मिल सकता है फायदा

महाराष्ट्र में बीजेपी ने 23 और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत हासिल की। इसलिए यह संभव है कि मंत्री के साथ लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद भी शिवसेना को दिया जाएगा।