देहरादून : सहेली की सूझबूझ आई काम, समय रहते इस तरह रोका नाबालिग का विवाह

वर्तमान युग तकनिकी का युग हैं जिसमें समाज आगे की ओर गतिमान हैं। लेकिन आज भी समाज में कुछ रूढ़िवादी लोग पुरानी प्रथाओं के चलन को अपना रहे हैं जो समाज के लिए हानिकारक हैं। ऐसी ही एक प्रथा हैं बाल-विवाह जिसका प्रचलन आज भी समाज में हैं। इसका एक मामला सामने आया शुक्रवार को माजरा क्षेत्र के सत्तोवाली घाटी में जहां एक सहेली की सूझबूझ काम आई और उसकी समझदारी से नाबालिग का विवाह होना रूक गया। सहेली की सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने विवाह करने के लिए हरदोई जा रहे परिवार को रोक लिया। बाद में उन्हें नाबालिग बेटी का विवाह न करने की हिदायत देकर जाने दिया।

शुक्रवार को माजरा क्षेत्र के सत्तोवाली घाटी में एक परिवार के नाबालिग बेटी को शादी के लिए यूपी ले जाने की सूचना मिलने पर महिला कल्याण अधिकारी व खंड स्तरीय बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी मौके पर पहुंचीं। महिला कल्याण अधिकारी सरोज ध्यानी ने बताया कि लड़की के माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। उनकी पांच बेटियां हैं। बताया की वह अपनी दो बेटियों की शादी कराने जा रहे थे, जिसमें से छोटी बेटी नाबालिग है। उन्होंने बताया कि लड़की की सहेली ने इसकी सूचना समिति को दी, जिसके बाद परिजनों को रोका गया। खंड स्तरीय बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी क्षमा बहुगुणा ने बताया कि परिवार को आगे से ऐसा न करने की हिदायत दी गई है।

बेटियों की जब काउंसिलिंग की गई तो नाबालिग ने बताया की वह अभी शादी नहीं करना चाहती, बल्कि पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहती है। वहीं, बड़ी बेटी ने कहा कि वह भी शादी के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन शादी के बाद भी वह अपनी पढ़ाई जारी रखेगी। महिला कल्याण अधिकारी ने बताया कि यदि उन्हें अपनी शिक्षा पूरी करने में किसी तरह की कोई परेशानी लगे तो विभाग उनकी पूरी मदद करेगा।