बिहार: मोतीहारी बस दुर्घटना में 27 लोगों की मौत वाले बयान से पलटे मंत्री, कहा- सूचना दी गई वो गलत थी

मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही एसी बस गुरुवार शाम पूर्वी चम्पारण के कोटवा के समीप पुल से नीचे गिर गई और उसमे भीषण आग लग गई। हादसा एनएच-28 पर बेलवा चौक समीप हुआ। प्रसाशन ने शुक्रवार को जानकारी दी कि मौके से एक भी शव नहीं मिला। यानी सभी यात्री सुरक्षित हैं। घटना में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है। प्रशासन ने घटना जुड़ी सहायता व सूचना के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। बता दें कि इससे पहले दिनेश चंद्र यादव ने ही गुरुवार को माना था कि बस दुर्घटना में 27 लोगों की जान गई है।

अपने पुराने बयान पर मंत्री मे सफ़ाई देते हुए कहा, 'बस यात्रियों की मौत को लेकर जो सूचना दी गई थी वो ग़लत थी। हां मैने कहा था कि बस दुर्घटना में 27 लोगों की जान गई क्योंकि स्थानीय सूत्रों से मुझे ऐसी जानकारी मिली थी। हालांकि मैने यह भी कहा था कि अंतिम रिपोर्ट अभी नहीं आई है।'

बता दें कि गुरुवार को बस दुर्घटना के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने इस घटना में 12 लोगों की मौत की पुष्टि की थी। उसके बाद खबर आई कि 24 लोगों की मौत हुई, बाद में संख्या 27 बताई गई। अब सभी यात्रियों के सुरक्षित होने की बात कही जा रही है।

मौत के आंकड़ों में हुई भूल पर स्पष्टीकरण देते हुए मंत्री ने कहा, 'बस में 13 लोगों की टिकट बुकिंग थी जिसमें से 8 लोगों को प्रशासन द्वारा इलाज़ के लिए अस्पताल ले जाया गया। जबकि बचे 5 लोगों का कोई अवशेष भी नहीं मिला है ऐसे में लगता है कि वो पहले ही बस से उतर गए थे।'

वहीं गुरुवार को आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया था कि मुजफ्फरपुर से चली इस बस पर कुल 32 लोगों ने बुकिंग कराई थी तथा मुजफ्फरपुर से कुल 13 लोग सवार हुए थे। शेष लोग आगे सवार होने वाले थे। ऐसे में मंत्री का यह बयान विरोधाभास पैदा कर रहा है।

बता दें कि पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को यात्रियों को लेकर एक यात्री बस मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही थी, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28 पर बगरा के समीप चालक का बस से नियंत्रण हट गया और वह सड़क किनारे एक गड्ढे में जा गिरी। बस के पलटने के बाद उसमें आग लग गई।

ग्रामीणों के मुताबिक, एक बाइक सवार को बचाने के क्रम में बस अनियंत्रित होकर गड्ढे में जा गिरी, जिसके बाद उसमें आग लग गई।