PNB घोटाले का आरोपी भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से जुड़े 13,500 करोड़ रुपये के लोन घोटाले में आरोपी और लंबे समय से फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की अपील पर 11 अप्रैल 2025 को 65 वर्षीय चोकसी को हिरासत में लिया गया और फिलहाल वह जेल में है। मेहुल चोकसी, जो गिरफ्तारी से बचने के लिए भारत से फरार हो गया था, बेल्जियम के एंटवर्प शहर में अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा था। प्रीति के पास बेल्जियम की नागरिकता है, जबकि चोकसी के पास ‘F रेजीडेंसी कार्ड’ होने की जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह इलाज के बहाने एंटीगुआ से बेल्जियम आया था।

बेल्जियम पुलिस ने मुंबई की कोर्ट के वारंट का दिया हवाला

बेल्जियम में हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के दौरान वहां की पुलिस ने मुंबई की एक अदालत द्वारा जारी दो अरेस्ट वारंट का हवाला दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, ये वारंट 23 मई 2018 और 15 जून 2021 को जारी किए गए थे। गिरफ्तारी के बाद चोकसी की ओर से यह कहा जा रहा है कि वह अपने खराब स्वास्थ्य और अन्य मानवीय आधारों पर जमानत या तत्काल रिहाई की मांग कर सकता है।

PNB से 13,500 करोड़ के फ्रॉड का आरोपी है चोकसी

मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से जुड़े 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले का प्रमुख आरोपी है। इस मामले में CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों ने उसके खिलाफ कई मामलों में चार्जशीट दाखिल की है। चोकसी का भतीजा नीरव मोदी भी इस घोटाले में शामिल है, जो लंदन में छिपा हुआ है, और भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण का भी इंतजार कर रही हैं।

भारत से कब भागा था मेहुल चोकसी?

मेहुल चोकसी ने अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ जनवरी 2018 में भारत से फरार होने की योजना बनाई और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,500 करोड़ रुपये की लोन धोखाधड़ी के सामने आने से पहले ही देश छोड़ दिया। यह घोटाला भारत के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा बैंक घोटाला माना जाता है।

घोटाले का भंडाफोड़ होने से कुछ समय पहले ही चोकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता प्राप्त कर ली थी, ताकि वह भारत के कानून की गिरफ्त से बच सके। वर्ष 2021 में, जब वह क्यूबा जाने की कोशिश कर रहा था, तब उसे डोमिनिका में हिरासत में ले लिया गया था।

गिरफ्तारी के बाद मेहुल चोकसी ने दावा किया था कि उसके खिलाफ चल रही कार्रवाइयाँ राजनीतिक साजिश हैं। उसने यह भी आरोप लगाया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसकी संपत्तियों को अवैध तरीके से जब्त किया है। हालांकि, भारतीय एजेंसियों का कहना है कि सभी कार्रवाइयाँ कानूनी प्रक्रियाओं के तहत की गई हैं।