चेन्नई। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने तमिलनाडु सरकार पर राज्य पार्टी प्रमुख के आर्मस्ट्रांग की हत्या की जांच के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है, जिनकी 5 जुलाई को उनके आवास के पास हत्या कर दी गई थी। बसपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री एमके स्टाकिन से मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की भी मांग की।
रविवार को मायावती अपने भतीजे और बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद के साथ के आर्मस्ट्रांग को अंतिम श्रद्धांजलि देने चेन्नई पहुंचीं। अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मायावती ने तमिलनाडु में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, जिस तरह से आर्मस्ट्रांग की हत्या की गई है, उससे ऐसा लगता है कि तमिलनाडु में कोई कानून-व्यवस्था नहीं बची है। मुख्य दोषियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
डीएमके नीत राज्य सरकार पर हत्या की जांच के प्रति गंभीर न होने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा, राज्य सरकार इस हत्या की जांच के प्रति गंभीर नहीं है अन्यथा अपराधी सलाखों के पीछे होते। अगर राज्य सरकार न्याय नहीं करना चाहती तो इस मामले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए।
उन्होंने कहा, हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं। अगर राज्य सरकार मामले को सीबीआई को नहीं सौंपती है, तो इसका मतलब है कि वे भी इस हत्या में शामिल हैं।
मायावती ने आर्मस्ट्रांग की हत्या के बाद दलितों की सुरक्षा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, यह किसी एक दलित नेता की हत्या का मामला नहीं है। पूरा दलित समुदाय खतरे में है और कई दलित नेता अपनी जान को लेकर डरे हुए हैं।
मायावती ने बीएसपी कार्यकर्ताओं को कानून हाथ में न लेने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को आगे आना चाहिए, लेकिन साथ ही कानून की सीमाओं में रहकर यह दिखाना चाहिए कि कमजोर वर्ग कानून हाथ में नहीं लेता है।
52 वर्षीय
के आर्मस्ट्रांग की पेरम्बूर इलाके में उनके घर के बाहर कुछ अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी। घटना के सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि हमलावरों में से चार ने फूड डिलीवरी एजेंट की पोशाक पहनी हुई थी।
हत्या के सिलसिले में कम से कम आठ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।