मंदसौर की सात साल की बच्ची का दर्द , कहा- मां मुझे ठीक कर दो या मार डालो

मध्य प्रदेश के मंदसौर में सात साल की एक बच्ची को स्कूल के बाद अगवा कर लिया गया था। जिसके बाद उससे बर्बरता की गई और रेप की वारदात को अंजाम दिया गया। बच्ची के इस कदर वहशी बर्ताव किया गया कि वह अस्पताल में मौत और जिंदगी के बीच झूल रही है। देश के हर कोने से इस बच्ची के लिए इंसाफ की आवाज उठ रही है वही अब डॉक्टर्स का कहना है कि बच्ची की हालत में सुधार आ रहा है। सात साल की मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत के बाद वह सहम गई है। इंजेक्शन लगाने या छूने पर भी वह सहम जाती है। तीसरी क्लास में पढ़ने वाली बच्ची शुक्रवार को दर्द से इतना तड़प रही थी कि उसके शब्द सुनकर मां का कलेजा कांप उठा, "मां मुझे ठीक कर दो या मार डालो।" बच्ची एक पल के लिए भी अपनी मां को नहीं छोड़ रही है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के जख्मी अंगों का ऑपरेशन किया जा चुका है। अब उसे संक्रमण से बचाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। घाव भरने में दो हफ्ते का समय लग सकता है। जिसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।

बच्ची को देख दिल भर आएगा

पीड़ित बच्ची एमवाय अस्पताल में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के वार्ड नंबर 15 में भर्ती है। बच्ची के गर्दन, हाथ और पैरों पर जख्म हैं और पूरे शरीर पर पट्टियां बंधी हुई हैं। उसकी आंखों के आसपास कालापन और सूजन है। एंटीबायोटिक दवा, इंजेक्शन और सलाइन से उसका इलाज चल रहा है। बच्ची का इलाज कर रहे पीडियाट्रिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने बताया कि अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि घाव ठीक होने के बाद वह सामान्य बच्चों की तरह जिंदगी बिता सकेगी।

बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान बच्ची का हाल जानने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही। सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलना चाहिए। विधायक उषा ठाकुर ने आरोपी को फांसी दिए जाने की मांग की। वहीं पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने कहा कि मामले की गहन जांच हो।

मंदसौर में सात साल की बच्ची के साथ हैवानियत करने वाला दूसरा आरोपी आसिफ शुक्रवार को गिरफ्तार हो गया। उसने कबूल किया कि वे बच्ची को लड्डू खिलाने का लालच देकर ले गए थे। मामले के आरोपी इरफान के गांव रिंगनोद के निवासियों ने कहा है कि फांसी के बाद इरफान का शव गांव में नहीं दफनाने देंगे। शुक्रवार को पूरे अंचल में बच्ची के साथ बलात्कार और हैवानियत करने वाले इन दोनों आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए। मंदसौर के कालिदास मार्ग पर रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं।

बच्ची का इलाज एम्स में कराने की मांग


हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में एक जनहित याचिका दायर कर मांग की गई है कि पीड़ित बच्ची का इलाज ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) नई दिल्ली में सरकारी खर्च पर कराया जाए। आनंद ट्रस्ट की ओर से सत्यपाल आनंद ने याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने पीएम और सीएम को पक्षकार बनाया है। याचिका में राज्य सरकार को जवाबदार मानते हुए बर्खास्त करने की भी मांग की गई है।

BJP विधायक ने कहा - सांसद जी आए हैं, शुक्रिया बोलो

इस घटना पर राज्य के एक बीजेपी विधायक की शर्मनाक राजनीति का नमूना भी सामने आया है। शुक्रवार को बीजेपी के क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता पीड़ित बच्ची की तबीयत का जायजा लेने इंदौर के एमवाय (MY) अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल में बच्ची का परिवार भी मौजूद था। सांसद ने डॉक्टरों से बच्ची की तबीयत पूछने के बाद उसके मां-बाप से भी मुलाकात की। अस्पताल में इस दौरान सांसद सुधीर गुप्ता के साथ इंदौर से बीजेपी विधायक सुदर्शन गुप्ता भी मौजूद थे। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए बच्ची को इंसाफ के दावे कर रहे थे, वहीं अस्पताल जाकर बच्ची का हाल-चाल जानने पर शिवराज सिंह के विधायक को राजनीति सूझ रही थी।

आरोप है कि बीजेपी सांसद ने जब पीड़ित परिवार से मुलाकात की तो विधायक सुदर्शन गुप्ता ने इसके लिए उनसे हर्जाने के रूप में धन्यवाद मांग लिया। सुदर्शन गुप्ता ने बच्ची के माता-पिता से कहा कि वे मंदसौर के सांसद महोदय का धन्यवाद करें, क्योंकि वह उनसे मिलने अस्पताल तक आए हैं।

इस पर बच्ची के माता-पिता ने सांसद सुधीर गुप्ता के सामने हाथ जोड़ लिए। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विधायक सुदर्शन गुप्ता ने कहा, 'सांसद जी को धन्यवाद बोलिए, स्पेशल आपके लिए आए हैं।'