कोलकाता। लम्बे समय से संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने के आरोपों से घिरीं तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को अपनी पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी का साथ मिला है। नेताजी इंडोर स्टेडियम में पार्टी की मेगा बैठक का आयोजन हुआ। इस दौरान सीएम ममता बनर्जी ने मोइत्रा और उनके खिलाफ लगाए गए कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर खुलकर बात की। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर महुआ मोइत्रा को हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
सांसद महुआ मोइत्रा के समर्थन में उतरीं पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भाजपा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने भाजपा पर महुआ मोइत्रा को संसद से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, भाजपा महुआ मोइत्रा को लोकसभा से हटाने की योजना बना रही है। इससे उन्हें (महुआ मोइत्रा) चुनाव से पहले और अधिक लोकप्रिय होने में मदद मिलेगी। वह जो संसद में बोलती थीं, अब वह बाहर बोलेंगी।
टीएमसी ने दी थी महुआ को बड़ी जिम्मेदारीइससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने संसद महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर (नदिया उत्तर) का अध्यक्ष बनाया था. इसके लिए उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर सीएम ममता बनर्जी का धन्यवाद किया था।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। साथ ही टीएमसी सांसद पर महंगे गिफ्ट लेने के भी आरोप लगे। इसके बाद महुआ मोइत्रा एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं थी। उनके साथ विपक्ष के कई सांसद भी गए थे। काफी शोर-शराबे के बीच महुआ मोइत्रा और कई विपक्षी सांसद उस रूम से बाहर निकलते नजर आए थे, जहां पूछताछ की जा रही थी। वहीं, लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने बीते दिनों ही अपनी जांच रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा को संसद पद से निष्कासित करने की सिफारिश की थी।
अभिषेक बनर्जी ने दिया था महुआ का साथबसपा सांसद दानिश अली ने एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष पर अनैतिक सवाल पूछने का भी आरोप लगाया था। वहीं इसके बाद टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने भी महुआ मोइत्रा का साथ दिया था। उन्होंने कहा था कि महुआ मोइत्रा खुद का बचाव करने में पूरी तरह सक्षम हैं। साथ ही उन्होंने बीजेपी पर निशाना भी साधा।
संसद ने बनाया नया नियमसांसद महुआ मोइत्रा के विवाद के बाद संसद की तरफ से नया नियम बनाया गया है। अब संसद पोर्टल के लॉग इन और पासवर्ड सांसदों तक ही सीमित रहेंगे। इसका मतलब यह है कि अब उनके पर्सनल असिस्टेंट या सेक्रेटरी लॉग इन नहीं कर सकेंगे। सांसद अब अपना लॉग इन-पासवर्ड और ओटीपी शेयर नहीं कर सकते हैं।