ममता बनर्जी के भतीजे ने कहा - कम हो गई 'राम' की टीआरपी इसलिए बीजेपी ने बदला अपना नारा

बीजेपी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बीच 'जय श्री राम' का नारा लगाने पर विवाद चल रहा है। दरअसल लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में बीजेपी को मिली बढ़त के बाद बीजेपी कार्यकर्ता, ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साध रहे हैं। मई में दो बार उनके सामने 'जय श्री राम' के नारे लगाए गए जिसके बाद ममता ने नाराजगी भी जाहिर की थी। ममता ने नारा लगाने वालों को अपराधी और बाहर से आया हुआ बताया था। हालांकि बीजेपी के हस्तक्षेप के बाद ममता ने फेसबुक पर सफाई देते हुए कहा था कि उन्हें इस नारे से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा जिस तरीके से इसका प्रयोग किया जा रहा है उससे अशांति का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है, वे धर्म को राजनीति में मिला रहे हैं।

वही अब ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी बीजेपी पर हमला बोलते हुए दावा किया है कि बीजेपी (BJP) के 'जय श्री राम' के नारे से टीआरपी कम हो गई है और उन्होंने पार्टी को 'जय महाकाली' के नारे के साथ आने को कहा। पीटीआई के मुताबिक अभिषेक बनर्जी ने कहा, बीजेपी ने अपना नारा 'जय श्री राम' की जगह 'जय महाकाली' करने का फैसला किया है क्योंकि राम की टीआरपी कम हो गई है। वे (बीजेपी) धर्म को राजनीति के साथ मिला रहे हैं।'

गौरतलब है कि टीआरपी का मतलब टेलिविजन रेटिंग प्वाइंट होता है और इससे किसी चैनल की लोकप्रियता का पता लगता है।

जय हिंद जय बांग्ला

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं के जय श्री राम का नारा लगाने पर पिछले दिनों भड़कीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ट्विटर और फेसबुक पर अपनी डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) बदल दी। अब उनकी डीपी में 'जय हिंद, जय बांग्ला' लिखा नजर आ रहा है। बता दें कि ममता के साथ ही उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने भी अपनी डीपी बदल दी है।

वहीं सोमवार को बीजेपी ने कहा था कि वह पश्चिम बंगाल में तब तक जय श्री राम और जय महाकाली के नारे के साथ कैंपेनिंग करती रहेगी जब तक ममता बनर्जी की सरकार सत्ता से बाहर नहीं हो जाती। पीटीआई के मुताबिक बीजेपी नेता और पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था, 'बंगाल में हमारा नारा 'जय श्री राम' और 'जय महाकाली' होगा। बंगाल महाकाली की धरती है और हमें भगवान के आशीर्वाद की जरूरत है। बता दें कि लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में 42 में से 18 सीटें जीती हैं। वहीं 2014 में बीजेपी ने यहां केवल 2 सीटें जीती थीं। (इनपुट: एजेंसी)