300 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी के लिए किडनैपिंग, सिपाही ने पुणे के शेयर कारोबारी को किया अगवा; गिरफ्तार

पुणे में एक शेयर कारोबारी का अपहरण हो गया। यह किडनैपिंग क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की जबरन वसूली के लिए किया गया। खास बात यह है कि किडनैपिंग का मास्टरमाइंड महाराष्ट्र पुलिस का एक सिपाही निकला। मुख्य आरोपी दिलीप तुकाराम खंडारे पुणे में साइबर क्राइम सेल के साथ काम कर चुका था। इसी दौरान उसे पता चला कि शेयर कारोबारी विनय नाइक के पास 300 करोड़ रुपये के बिटकॉइन हैं। इसके बाद उसने कारोबारी को किडनैप करने का प्लान बनाया।

आरोपी कॉन्स्टेबल खंडारे ने 7 और लोगों के साथ मिलकर बिटकॉइन की जबरन वसूली के लिए 14 फरवरी को पुणे के एक होटल से विनय को अगवा किया था।

बुधवार को पुणे पुलिस जोन-2 के उपायुक्त (DCP) आनंद भोइटे ने कॉन्स्टेबल दिलीप तुकाराम खंडारे के साथ सुनील राम शिंदे, वसंत श्याम चव्हाण, फ्रान्सिस टिमोटी डिसूजा, मयूर महेंद्र शिर्के, प्रदीप काशीनाथ काटे, संजय उर्फ निकी राजेश बंसल और शिरीष चंद्रकांत खोत की गिरफ्तारी की जानकारी दी। पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने बताया कि कॉन्स्टेबल दिलीप तुकाराम खंडारे ही इस पूरे केस का मास्टरमाइंड है। उसने विनय नाइक के अपहरण के बाद बिटकॉइन बेचने की कोशिश भी की। नाइक के गायब होने पर उनके एक दोस्त ने अपहरण का केस दर्ज करवाया था।

कृष्ण प्रकाश के मुताबिक, आरोपी दिलीप तुकाराम खंडारे पिंपरी चिंचवड़ आयुक्त के ऑफिस में काम करता था और उसने मोबाइल फोरेंसिक, एडवांस साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन, ऑफिस ऑटोमेशन, बेसिक हार्डवेयर एंड नेटवर्क टेक्नोलॉजी जैसे कोर्स किए थे। कुछ दिन पहले वह निजी कारण बताकर अचानक छुट्टी पर चला गया था।