महाराष्ट्र : शिवसेना को सता रहा है अपने विधायकों के टूटने का डर, होटल में कर सकती है शिफ्ट!

महाराष्ट्र में सरकार को लेकर चल रही खींचतान के बीच खबर है कि शिवसेना अपने सभी विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें इस बैठक के बाद किसी होटल में ले जा सकती है। दरअसल, शिवसेना को अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। शिवसेना ने बिना नाम लिये बीजेपी पर हमला बोलते हुए अपने मुख पत्र सामना में लिखा है कि कुछ लोग नए विधायकों से संपर्क कर 'थैली' की भाषा बोल रहे हैं और ऐसी शिकायतें बढ़ रही है। शिवसेना ने कहा है कि पिछली सत्ता का उपयोग अगली सत्ता के लिए ‘थैलियां’ बांटने में हो रहा है। पर किसानों के हाथ कोई दमड़ी भी रखने को तैयार नहीं है। इसीलिए महाराष्ट्र के किसानों को शिवसेना की सत्ता चाहिए। सामना में लिखा गया है कि महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा धूमिल करके यहां पर कोई राज नहीं कर सकता। इसके लिए शिवसेना वहां तलवार लेकर खड़ी है। खबर यह भी है कि आज साढ़े ग्यारह बजे मातोश्री में शिवसेना विधायकों की अहम बैठक होने जा रही है। इस बीच, इन ख़बरों पर कि शिवसेना अपने विधायकों को रिसॉर्ट में शिफ्ट कर रही है, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'हमें ऐसा करने की ज़रूरत नहीं है, हमारे विधायक दृढ़प्रतिज्ञ हैं और पार्टी के प्रति कटिबद्ध हैं। जो इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं, उन्हें पहले अपने विधायकों की चिंता करनी चाहिए।'

संजय राउत ने यह भी कहा कि शिवसेना को देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के तौर पर किसी भी हाल में स्वीकार नहीं हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, हां, यह जरूर है कि देवेंद्र फडणवीस चाहें तो कल ही डिप्‍टी सीएम बन सकते हैं। उन्होंने फडणवीस पर आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय से हम लोग विरोध झेल रहे हैं लेकिन हमें खत्म करने की बात बोलने वाला कोई नहीं मिला। इन्हें शिवसेना को खत्म करना है, अपने विरोधियों समेत मित्रों को भी खत्म करना है। खुद की ही पार्टी में चुनौती दे रहे नेताओं को खत्म करना है। राउत ने कहा कि अहंकारी का अहंकार खत्म करने का यह सही समय है।

वही दूसरी तरफ खबर है कि आज बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार और चंद्रकांत पाटिल राज्यपाल से मिलेंगे। कल यानि बुधवार को बीजेपी कोर कमिटी की बैठक के बाद राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि जल्दी ही लोगों को खुशखबरी सुनने को मिलेगी। बीजेपी ने खुशखबरी सुनाने की बात तो कह दी, लेकिन आंकड़ों का ब्यौरा नहीं दिया। मुनगंटीवार ने कहा था कि चंद्रकांत पाटील के नेतृत्व में बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम देवेंद्र फड़णवीस द्वारा मंजूर संदेश के साथ राज्यपाल से मुलाकात करेगा। खास बात यह है कि अगर राज्य में 9 नवंबर से पहले सरकार नहीं बनी तो यहां राष्ट्रपति शासन लग सकता है।

आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 105 सीटें मिली थीं। जबकि शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई थीं। इसी तरह एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर कब्जा जमाया था। अन्य के खाते में 29 सीटें गई थीं। कहा यह भी जा रहा था कि एनसीपी और कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देकर सरकार बनवा सकती हैं। हालांकि एक दिन पहले ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी।