कोरोना वायरस / मुंबई के बिगड़ते हालात, अस्पतालों में बेड बढ़ाने की तैयारी में जुटा BMC

महाराष्ट्र में देश के सबसे ज्यादा केस हैं। वहां 90 हजार 787 लोग वायरस की चपेट में हैं। जबकि 3289 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं अकेले मुंबई में संक्रमितों का आंकड़ा 50 हजार के पार पहुंच चुका है। मुंबई में अब तक 1 हजार 760 लोगों ने जान गंवाई है। मुंबई में कोरोना को लेकर हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे है। अभी एक दिन पहले ही वहां मुंबई महानगरपालिका के डिप्टी कमिश्मर शिरीष दीक्षित (54) की कोरोना वायरस से मौत हो गई। बीएमसी डिप्टी कमिश्नर शिरीष दीक्षित बीएमसी के पानी सप्लाई विभाग के प्रमुख थे। डिप्टी कमिश्नर शिरीष दीक्षित पहले बीएमसी अधिकारी हैं जिनकी कोरोना से मौत हुई है। लगातार बढ़ते केस के चलते दिल्ली की तरह मुंबई में भी बेड चर्चा के केंद्र में आ गया है।

अगले 10 दिन में 300 आईसीयू बेड

बीएमसी कमिश्नर आई एस चहल ने मीडिया को बताया कि फिलहाल मुंबई में 7600 बेड पर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज हैं। अब हमारे पोर्टल पर 10 हजार 400 बेड मौजूद हैं। आई।एस चहल ने बताया कि हालात को देखते हुए बेड की संख्या बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि अगले 10 दिन में 300 आईसीयू बेड का इंतजाम होने की संभावना है। बीएमसी कमिश्नर ने ये भी बताया कि मुंबई में केस का डबलिंग रेट कम हुआ है, जो एक राहत की खबर है। साथ ही डेथ रेट भी राष्ट्रीय औसत के बराबर 3 फीसदी के करीब ही है। कमिश्नर ने ये भी बताया कि पिछले 20 दिन के अंदर मुंबई में डायलिसिस न मिलने की वजह से कोई मौत नहीं हुई है। कमिश्नर ने बताया कि कोरोना को हराने के लिये हम मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों, क्लीनिक, निर्सिंग होम को भी सीधे टेस्टिंग इजाजत दी गई है ताकि कोरोना से लड़ाई को और आसान बनाया जा सके।

मुंबई ने वुहान को छोड़ा पीछे

बता दे, मुंबई में वुहान को संक्रमण के मामले में पीछे छोड़ दिया है। वुहान शहर में कोरोना के अब तक 50 हजार 334 संक्रमित केस सामने आ चुके है वहीं, मुंबई की बात करे तो संक्रमितों का आंकड़ा 51 हजार 100 तक पहुंच गया है। हालाकि इस बीच मुंबई के लिए सबसे बड़ी राहत भरी खबर उस जगह से है जो अब तक कोरोना का सबसे बड़ा डेंजर जोन बना था। एशिया के सबसे बड़े स्लम इलाके में शुमार धारावी की गलियों में कोरोना का बसेरा हो गया था। रोज कोई ना कोई जान गंवा रहा था, लेकिन अब वहां तेजी से हालात बदले हैं। संक्रमण कंट्रोल में आने लगा है। 1 जून से 8 जून के बीच 8 दिनों में यहां कोरोना के कुल 153 केस सामने आए। 6 जून को यहां सबसे कम 10 मरीज मिले। इससे पहले धारावी में सबसे कम 13 मामले 27 अप्रैल को सामने आए थे। सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि 30 मई के बाद धारावी में कोरोना से किसी की मौत नहीं हुई। 24 मई से 31 मई तक 8 दिन में कुल 278 कोरोना के केस मिले थे। इसमें 29 मई को अकेले 70 केस शामिल हैं। धारावी में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 1 हजार 924 है, जबकि 70 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां रिकवरी रेट 41.8% है।