BJP से गठबंधन तोड़ने का कोई इरादा नहीं : उद्धव

भाजपा और शिवसेना के बीच महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर गतिरोध जारी है। बता दे, महाराष्ट्र की विधानसभा का कार्यकाल शनिवार को खत्म हो रहा है, मगर अबतक तय नहीं हो सका है कि सरकार कौन बनाएगा। एक तरफ शिवसेना है जो 50-50 फॉर्मूले के तहत सीएम पद पर अड़ी है, दूसरी ओर बीजेपी है जो सीएम पद शिवसेना से बांटना नहीं चाहती है। लगातार बैठकों का दौर जारी है लेकिन निर्णय कुछ भी नहीं निकल कर आ रहा। गुरुवार को बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की। हालांकि, इस दौरान बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा नहीं पेश किया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद बीजेपी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचा। महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, आशीष शेलार, गिरीश महाजन ने राज्यपाल से हुई चर्चा के बारे में देवेंद्र फडणवीस को जानकारी दी। साथ ही शिवेसना की भूमिका पर भी चर्चा की। मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जनता ने भाजपा-शिवसेना 'महायुति' को बहुमत दिया है। सरकार बनाने में देरी हो रही है, अब तक सरकार बन जानी चाहिए थी। हम राज्य में कानूनी विकल्पों और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए राज्यपाल से मिले। हम आलाकमान से चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे।

इस बैठक के बाद शिवसेना ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर भाजपा कहती है कि 'महायुति' की सरकार होगी तो वह सरकार बनाने का दावा क्यों नहीं करते? वे क्यों राज्यपाल के पास से खाली हाथ लौटे हैं। सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद अगर भाजपा सरकार नहीं बना रही, इससे स्पष्ट है कि वह बहुमत नहीं जुटा पा रही है। अगर बहुमत नहीं है तो जनता के सामने आकर बताइए कि हम सरकार नहीं बना रहे। संविधान का हर पेज हमें मालूम है। संविधान किसी की जागीर नहीं है।

वही अब खबर आ रही है की अगर आज 8 नवंबर शाम तक कोई फैसला नहीं होता है तो सीएम देवेंद्र फडणवीस स्तीफा दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार शाम तक सीएम सहित सारे मंत्री अपनी सरकारी गाड़ियां और बाकी सुविधाएं वापस कर सकते हैं। बीजेपी सिर्फ शुक्रवार शाम तक का इंतजार करेगी। चर्चा ये भी है कि शिवसेना-बीजेपी के बीच संवाद फिलहाल पूरी तरह से ठप हो चुका है, जिसके चलते कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा।

भाजपा से गठबंधन तोड़ने का इरादा नहीं : उद्धव

वही गुरुवार को शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों की मातोश्री (शिवसेना मुख्यालय) में बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, विधायकों ने उद्धव ठाकरे पर फैसला छोड़ दिया है। बैठक के बाद शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने कहा कि, 'हम अगले दो दिनों के लिए होटल में रुकेंगे। हम वही करेंगे जो उद्धव ठाकरे करने के लिए कहेंगे'। शिवसेना सांसद सुनील प्रभु ने कहा कि इन हालात में सभी विधायकों का एकसाथ रहना जरूरी है। जो भी फैसला उद्धवजी लेंगे, वह हम सभी को मंजूर होगा। एक अन्य विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा कि अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। इससे पहले भाजपा नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी। वही उद्धव का कहना है कि हम भाजपा से गठबंधन तोड़ने का इरादा नहीं रखते हैं, लेकिन भाजपा को उस समझौते पर बने रहना होगा, जो लोकसभा चुनाव से पहले किया गया था।

गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के हाल ही में घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी अकेले 145 सीटों के बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई। इसके चलते सरकार गठन में देर हो रही है। चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई है। गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को 161 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है। यदि कोई भी पार्टी या गठबंधन सरकार नहीं बनाती है तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।