लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में आज महाराष्‍ट्र बंद, जानिए क्‍या रहेगा खुला और क्‍या रहेगा बंद

महा विकास आघाडी (कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना) ने उत्‍तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के विरोध में सोमवार को राज्‍यव्‍यापी बंद का आह्वान किया है। तीनों पार्टियां संयुक्‍त रूप से प्रदर्शन कर घटना का विरोध करेंगी। इस घटना में 8 लोगों की मौत हुई थी। इनमें से 4 किसान थे। लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार की रात गिरफ्तार कर लिया। आशीष पर आरोप है कि उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों को कुचलने वाले वाहनों में से एक में वह सवार था।

महाराष्ट्र बंद के दौरान मुंबई पुलिस किसी भी अप्रिय घटना से बचने लिए सोमवार को सड़कों पर अपने कर्मियों की तैनाती बढ़ाएगी। पुलिस अफसरों का कहना है कि राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की तीन कंपनियां, होमगार्ड के 500 जवान और स्थानीय सशस्त्र इकाइयों के 400 जवानों को पहले से ही नवरात्रि के दौरान सुरक्षा के लिए अतिरिक्त जनशक्ति के रूप में तैनात किया गया है। लेकिन बंद को ध्यान में रखते हुए मुंबई पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अधिकतम जनशक्ति का उपयोग करेगी। सोमवार को सड़कों पर पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

ये चीजें रहेंगी बंद

छत्रपति शिवाजी मार्केट यार्ड ट्रेडर्स एसोसिएशन ने भी इस बंद का समर्थन किया है। उसका कहना है कि सोमवार को फज-सब्‍जी, प्‍याज, आलू के बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे। व्‍यापारी संगठन ने सभी व्‍यापारियों से सोमवार को अपनी दुकानें बंद रखने की अपील की है। उन्‍होंने किसानों से भी अपील की है कि वे अपनी उपज को सोमवार को शहरों में ना लाएं। हालांकि इस दौरान जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी। किसान सभा ने इस बंद को समर्थन दिया है। संगठन ने कहा है कि 21 जिलों में इसके कार्यकर्ता समान विचार वाले संगठनों के साथ बंद को सफल बनाने के लिए समन्वय स्थापित कर रहे हैं।

व्यापारियों ने पहले किया बंद का विरोध, फिर शाम को मुकरे

इससे पहले महाराष्ट्र बंद का रविवार दोपहर तक पुणे -मुंबई-ठाणे के व्यापारियों ने विरोध किया। व्यापारियों ने तय किया कि सोमवार को वे दुकानें खुली रखेंगे।

मुंबई व्यापारी संघ की ओर से वीरेन शाह ने कहा, 'वे किसानों के दु:ख-दर्द को समझते हैं, उनका समर्थन करते हैं, उनसे सहानुभूति रखते हैं। लेकिन इस बंद में व्यापारियों को ना घसीटा जाए।' लेकिन शाम तक मुंबई ट्रेडर्स फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने एक वीडियो जारी कर कहा कि सारे दुकानदार शाम 4 बजे तक दुकानें बंद रखेंगे।

उन्होंने कहा कि, 'अलग-अलग इलाकों के व्यापारियों के फोन आ रहे हैं और स्थानीय स्तर पर शिवसेना और महाविकास आघाडी से जुड़ी पार्टियों के नेता व्यापारियों से अपील कर रहे हैं कि बंद में व्यापारी उनका साथ दें। ऐसे में शाम 4 बजे तक दुकानें बंद रख कर उनका समर्थन किया जाएगा और 4 बजे के बाद दुकानें खोली जाएंगी।'

मुंबई के व्यापारियों के बाद पुणे के व्यापारी संघ ने भी शाम तक बंद के समर्थन का ऐलान कर दिया लेकिन पुणे के रिटेल व्यापारी दुकानें खोलने पर अड़े हुए हैं।नागपुर और औरंगाबाद के व्यापारी संघ ने दुकानें खोलने का ऐलान किया है।

बंद को सफल बनाना चाहती है एमवीए सरकार

वहीं एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को बताया था कि आधी रात से प्रदेश व्यापारी बंद की शुरूआत हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता नागरिकों से मिल रहे हैं और उनसे बंद में शामिल होने तथा किसानों के साथ एकजुटता दिखाने का आग्रह कर रहे हैं। राकांपा नेता कहा कि एमवीए की मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए।

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कह, 'उनकी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मौन व्रत करेंगे।'

इससे पहले शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि उनकी पार्टी पूरी शक्ति के साथ बंद में शामिल होगी। उन्होंने यह भी कहा था केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ लोगों को जगाना आवश्यक है।

बीजेपी ने किया विरोध

वहीं बीजेपी ने इस महाराष्‍ट्र बंद का विरोध किया है। विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सत्‍तारूढ़ दल इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं।

बीजेपी विधायक नितेश राणे ने भी राज्‍य सरकार को चेतावनी दी है कि वो दुकानों को जबरन न बंद करवाएं। उनका कहना है कि अगर दुकानदारों को एमवीए कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद करने को मजबूर किया तो उन्‍हें बीजेपी कार्यकर्ताओं का सामना करना पड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि पुलिस यह सुन‍िश्चित करे कि किसी पर भी दबाव ना बनाया जाए।

मुंबई के डब्बावालों ने भी बंद का विरोध करने का फैसला किया है। वे किसानों के समर्थन में काली पट्टी लगाएंगे लेकिन बंद के विरोध में अपना काम-धंधा भी चलाएंगे।