सोनिया गांधी की तारीफ, शिवसेना ने सामना में लिखा - उनकी वजह से ही महाराष्‍ट्र में हुआ सत्‍ता परिवर्तन

दशकों तक कांग्रेस का विरोध करने वाली शिवसेना अब उसी पार्टी की लगातार प्रशंसा कर रही है। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' (Saamana) में प्रकाशित संपादकीय में शिवसेना ने कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी की तारीफ की है। इसमें लिखा गया है कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने अलग दृष्टिकोण नहीं रखा होता तो महाराष्‍ट्र में सत्‍ता परिवर्तन नहीं होता।

CAA-NRC को लेकर BJP पर साधा निशाना

इसके साथ-साथ शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) NRC के जरिये BJP पर भी निशाना साधा है। 'सामना' में लिखा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून के जरिये हिन्‍दू-मुसलमान के बीच खाई पैदा करके राजनीतिक लाभ लिया जा रहा है। शिवसेना ने नागरिकता संशोधन कानून और और एनआरसी को लेकर पूरे देश में मचे बवाल को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा है।

'सामना' में लिखा गया है कि पूरे देश में आग लगी है, फिर भी सबकुछ ठीक-ठाक होने की बात कही जा रही है। ऐसे लोगों को आत्‍मचिंतन करने की जरूरत है्। आगे लिखा गया है कि हिन्‍दू-मुसलमान के बीच खाई पैदा कर इसका राजनीतिक लाभ लिया जा रहा है। 'सामना' में प्रकाशित संपादकीय में सीएम उद्धव की पार्टी ने कहा कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार बीजेपी के विरोध में खड़ा होना तय कर लें तो पूरे देश में उन्‍हें भारी समर्थन मिलेगा।

शिवसेना से ईर्ष्या करती है बीजेपी : आदित्य ठाकरे

इससे पहले शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने बीजेपी पर चुटकी ली थी। आदित्य ठाकरे ने कहा था कि बीजेपी शिवसेना से ईर्ष्या करती है क्योंकि वे सत्ता से बाहर हो गए हैं, लेकिन वे उन्हें बरनॉल लगाने की सलाह नहीं देंगे। आदित्य ठाकरे ने कहा कि उन्हें पता है कि बीजेपी इस वक्त सत्ता से बाहर है और उनको इस बात का बहुत दुख है।

दरअसल, महाराष्‍ट्र में शिवसेना, राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस की गठजोड़ वाली सरकार बनने के बाद से प्रदेश का राजनीतिक माहौल बदल गया है। भाजपा और शिवसेना में महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद से ही मुख्‍यमंत्री की कुर्सी को लेकर रस्‍साकसी शुरू हो गई थी। आखिरकार इसी बात को लेकर दोनों पार्टियों का दशकों पुराना गठबंधन भी टूट गया था। बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी प्रदेश में सरकार नहीं बना सकी थी। बदले राजनीतिक हालात में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठजोड़ कर सरकार बना ली और उद्धव ठाकरे महाराष्‍ट्र के नए मुख्‍यमंत्री बने। इसके बाद से ही बीजेपी और शिवसेना में तीखी बयानबाजी हो रही है।