महाराष्ट्र: ढाई साल तो छोड़ों एक दिन भी सीएम पद देने के मूड में नहीं BJP

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए 13 दिन बीत चुके हैं और विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में भी महज तीन दिन यानि सिर्फ 70 घंटे बचे है, मगर अबतक सरकार गठन पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। मुलाकातों और बयानों का दौर जारी है। शिवसेना जहां 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी है वही बीजेपी एक दिन के लिए भी सीएम पद शिवसेना को नहीं देना चाहती। वही इस घमासान के बीच मंगलवार रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। फडणवीस मंगलवार रात नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पहुंचे और डेढ़ घंटे बाद वह वहां से रवाना हो गए। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक घमासान पर चर्चा हुई होगी।

इस पहले मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पर महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक के बाद नेताओं ने एक सुर में कहा कि देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने जा रही है।

वही शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक बार फिर दोहराया है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी का होगा। राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, 'महाराष्ट्र पर फैसला महाराष्ट्र में लिया जाएगा, मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा। महाराष्ट्र का चेहरा और राजनीति बदल रही है, आप देखेंगे। जिसे आप 'हंगामा' कहते हैं, वह 'हंगामा' नहीं है, बल्कि न्याय और अधिकारों की लड़ाई है, जीत हमारी होगी।'

इसके अलावा महाराष्ट्र के वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुनगंतीवार ने मंगलवार को कहा कि किसी भी समय सरकार गठन को लेकर एक अच्छी खबर आ सकती है। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वे अब शिवसेना की ओर से प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हमने महाराष्ट्र में पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में फडणवीस को पूरा समर्थन दिया है।'

पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने अगली सरकार के गठन के लिए भाजपा-शिवसेना महायुति (गठबंधन) को जनादेश दिया है। शिवसेना ने अभी तक हमें कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। भाजपा के दरवाजे उनके लिए 24x7 खुले हैं। हमें कोई संदेह नहीं है कि फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार जल्द ही बनेगी।

बता दे, शिवसेना अड़ी हुई है कि राज्य में 50-50 फॉर्मूले के तहत ढाई-ढाई साल के लिए दोनों पार्टियों का मुख्यमंत्री हो। माना जा रहा है कि बीजेपी इस बात पर तो सहमत है कि मंत्रालय में शिवसेना की हिस्सेदारी पचास फीसदी हो, लेकिन मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पद पर सिर्फ बीजेपी के पास ही हो। केंद्रीय मंत्री और एनडीए के सहयोगी रामदास आठवले ने कहा कि PWD, हाउसिंग और राजस्व विभाग जैसे अहम मंत्रालय 50-50 फॉर्मूले के तहत बांटे जा सकते हैं, लेकिन बीजेपी सीएम पद और गृह मंत्रालय देने को राजी नहीं है। आठवले ने कहा कि शिवसेना को यह प्रस्ताव कबूल करना चाहिए और अपना रुख बदलना चाहिए। हालांकि, बीजेपी ने कोई लिखित आश्वासन देने से इनकार कर दिया है।