महाकुंभ 2025 की तैयारियों में प्रयागराज शहर पूरी तरह जुटा हुआ है। महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है। यह आयोजन दुनियाभर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ होता है। सीएम योगी ने कहा कि जब इतने बड़े स्तर पर श्रद्धालु आते हैं, तो उनके परिवहन, आवास, भोजन और अन्य खर्चों से स्थानीय व्यवसाय और रोजगार को बढ़ावा मिलता है। इस बार 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो इसे अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बना देगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में इस आयोजन से होने वाले आर्थिक लाभ का खुलासा करते हुए बताया कि इससे उत्तर प्रदेश को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है।
भव्य, दिव्य और डिजिटल महाकुंभ की तैयारियांमुख्यमंत्री ने बताया कि महाकुंभ 2025 को भव्य, दिव्य और डिजिटल बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत: 1.5 लाख से अधिक स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल शौचालय बनाए गए हैं। गंगा और यमुना में प्रदूषण रोकने के लिए विशेष प्रबंधन किया गया है। आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए आयोजन को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाया जा रहा है।
काशी और अयोध्या में श्रद्धालुओं का रुझानमहाकुंभ से पहले ही उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या देखी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि साल 2024 में: 16 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए। जनवरी से सितंबर 2024 तक 13.55 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे।
सीएम योगी ने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक बताया। यह आयोजन देश और दुनिया को भारत की प्राचीन परंपराओं पर गर्व करने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों को समझने का अवसर देता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज प्रयागराज के महाकुंभ नगर का दौरा करेंगे। वे संत समाज से मुलाकात करेंगे और तैयारियों का जायजा लेंगे। इसके अलावा, गुरुवार को जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी महाकुंभ में शामिल होंगे। पेशवाई सुबह 10 बजे मनकामेश्वर मंदिर से शुरू होगी।
महाकुंभ जैसे आयोजनों से राज्य को व्यापक आर्थिक लाभ होता है। श्रद्धालुओं की संख्या के साथ उनकी गतिविधियों से होने वाले आय के कारण उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री योगी के अनुसार, यह आयोजन राज्य के विकास और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बनेगा।