महाकुंभ: 200 करोड़ रुपये तक पहुंची 9 प्रयागराज स्टेशनों पर रेलवे की कमाई

प्रयागराज। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 26 दिनों तक रिकॉर्ड 17,330 ट्रेनें चलीं, जिससे रेलवे को प्रयागराज के सभी नौ स्टेशनों से 200 करोड़ रुपये की भारी कमाई हुई। महाकुंभ 2025 के समापन के बाद अब उत्तर मध्य रेलवे ने 2031 में होने वाले अर्धकुंभ की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

अधिकारियों ने 2025 के महाकुंभ की तुलना में 2031 के कुंभ में दोगुनी संख्या में ट्रेनें चलाने का फैसला किया। इस बार महाकुंभ में 2019 के कुंभ की तुलना में तीन गुना अधिक ट्रेनें चलाई गईं।

2019 की मौनी अमावस्या के मुकाबले तीन गुना ज्यादा ट्रेनें 26 दिन तक चलीं। प्रयागराज मंडल के डीआरएम हिमांशु बडोनी ने बताया कि रेलवे ने महाकुंभ 2025 की तैयारियां अप्रैल 2022 में शुरू कर दी थीं। तय हुआ था कि महाकुंभ 2025 में 1,3000 ट्रेनें चलाई जाएंगी। जनवरी 2024 में ही यह संख्या 10,000 के करीब पहुंच गई। महाकुंभ में रेलवे ने 17,330 ट्रेनों का संचालन कर लाखों श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाया। कुंभ 2019 के मुकाबले तीन गुना ज्यादा ट्रेनें लगातार 26 दिन तक चलाई गईं। अब कुंभ 2031 में और ज्यादा तैयारियां करनी होंगी।

एडीआरएम संजय सिंह ने बताया कि महाकुंभ 2025 में रेलवे ने पहली बार 1000 से अधिक लंबी दूरी की ट्रेनें चलाई थीं। 2019 के कुंभ में जहां मौनी अमावस्या पर 49 स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं, वहीं इस बार 157 ट्रेनें चलाई गईं।

उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया, पहले हम यात्रियों को घर पहुंचाने की जिम्मेदारी लेते थे, लेकिन इस बार रेलवे ने दोहरी जिम्मेदारी ली। भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी भी हमने ली।

इस बार फेयर सरचार्ज नहीं था, फिर भी कमाई 200 करोड़ के पार हो गई। उनके मुताबिक महाकुंभ में यात्रियों पर फेयर सरचार्ज नहीं था। महाकुंभ से पहले विकसित की गई बुनियादी सुविधाओं ने भीड़ प्रबंधन में काफी मदद की।

इसके अलावा रेलवे के चेकिंग स्टाफ द्वारा 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को यूटीएस टिकट उपलब्ध कराए गए, जिससे रेलवे को 6 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई। उन्होंने बताया कि महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज मेला क्षेत्र के चार स्टेशनों पर अनारक्षित टिकटों में डिजिटल भुगतान की सुविधा का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया।

प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी, नैनी और सूबेदारगंज में डिजिटल भुगतान का प्रतिशत 7% से बढ़कर 12.5% हो गया। कुंभ मेले के दौरान 1,680 वाणिज्यिक कर्मचारियों ने विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं को निरंतर सेवाएं प्रदान कीं।

3 लाख से अधिक यात्रियों को चिकित्सा सुविधा

महाकुंभ 2025 में कई करोड़ लोगों ने रेलवे से यात्रा की। इस दौरान भारतीय रेलवे के स्वास्थ्य विभाग ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उत्तर मध्य रेलवे के चिकित्सा विभाग ने 3 लाख से अधिक यात्रियों को चिकित्सा सहायता प्रदान की। इस दौरान रेलवे स्टेशनों पर बनाए गए अवलोकन कक्षों और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के माध्यम से श्रद्धालुओं को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।

केवल 394 गंभीर रूप से बीमार यात्रियों को आगे की सहायता के लिए उच्च केंद्रों पर भेजा गया। छह प्रमुख स्नान अनुष्ठानों के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों से 220 डॉक्टरों और 170 पैरामेडिकल स्टाफ को बुलाया गया और तैनात किया गया।