ममता कुलकर्णी पर सवाल उठाने वाली हिमांगी सखी पर हुआ जानलेवा हमला, त्रिशूल और फरसा लेकर आए थे हमलावर

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा की जगदगुरू हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला किया गया है, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं हैं। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हिमांगी सखी ने आरोप लगाया है कि उन पर यह हमला आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के कहने पर हुआ। उनका कहना है कि ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर किए गए सवालों की वजह से उन पर यह हमला हुआ। हालांकि, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इन आरोपों से इनकार किया है।

आरोपों के मुताबिक, यह हमला तब हुआ जब हिमांगी सखी अपने कैंप में थीं, जो सेक्टर आठ में स्थित था। उस दौरान कई गाड़ियों में सवार महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अपने सहयोगियों के साथ कैंप में घुस आए। उनके हाथों में त्रिशूल और फरसा जैसे हथियार थे। उनके साथ कलावती मां, कौशल्या नंदगिरी उर्फ टीना मां समेत 50-60 लोग थे। आरोप है कि उन्होंने हिमांगी सखी के सुरक्षाकर्मियों को पकड़ लिया और फिर उन पर हमला कर दिया।

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा की जगदगुरू हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला हुआ है, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गईं हैं। हिमांगी सखी का कहना है कि हमले के दौरान उनके सेवादार हाथ जोड़ते रहे लेकिन हमलावरों ने उनकी बात नहीं मानी और उन पर हमला कर दिया। इस हमले में हिमांगी सखी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सीसीटीवी में कैद हुई घटना


हमले की यह घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई है, जिसमें हमलावरों को गाड़ियों से उतरते हुए देखा जा सकता है। हिमांगी सखी के सेवादारों ने उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। हालांकि, दूसरी ओर महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस हमले से जुड़े आरोपों से पूरी तरह इनकार किया है।

ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने का विरोध

इससे पहले, हिमांगी सखी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा में महामंडलेश्वर बनाए जाने का विरोध किया था। हिमांगी सखी का कहना था कि किन्नर अखाड़े में एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया? उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि ममता कुलकर्णी के डी कंपनी से संबंध थे और उन्हें ड्रग्स मामले में जेल भेजा गया था, जिसके बाद लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया था।