पारिवारिक तनाव में खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले संत और आध्यात्मिक गुरु भय्यू जी महाराज (उदय राव देशमुख) का आज (बुधवार) दोपहर बाद अंतिम संस्कार होगा। इससे पहले भय्यूजी महाराज का पार्थिव शरीर इंदौर में उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। सुबह 9 से दोपहर 12.30 बजे तक उनके पार्थिव शरीर के दर्शन किए जा सकेंगे। दोपहर 1 बजे मुक्ति धाम पर उनका अंतिम संस्कार होगा। भय्यू महाराज को उनकी बेटी मुखाग्नि देंगी।
भय्यूजी महाराज के पार्थिव देह को बुधवार सुबह सिल्वर स्प्रिंग इलाके में स्थित आवास से सूयोर्दय आश्रम ले जाया गया, जहां उनके अनुयायियों की भीड़ उमड़ी हुई है। कतारों में खड़े सैकड़ों लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि भय्यूजी के पार्थिव देह को उनकी बेटी कुहू मुखाग्नि देगी। यह फैसला उनके करीबियों ने लिया है। अतिम संस्कार में सीएम शिवराज समेत कई वीआईपी शामिल होंगे।
सुसाइड नोट में बयां की जिंदगी की उलझन
गौरतलब है कि 50 वर्षीय भय्यूजी महाराज ने इंदौर स्थित अपने घर में मंगलवार को कथित रूप से गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी। उनका एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था जिसमें उन्होंने ने लिखा है कि वह बहुत तनाव में दुनिया में छोड़ रहे हैं। उन्होंने इस सुसाइड नोट में लोगों से अपने परिवार की देखभाल करने की अपील की है। सुसाइड नोट के मुताबिक भय्यूजी महाराज ने लिखा, 'मैं बहुत तनाव में दुनिया छोड़ रहा हूं। कोई मेरे परिवार की जिम्मेदारी ले। मैं तनाव से तंग आ चुका हूं।' मालूम हो कि घटना के बाद भय्यूजी को इंदौर के बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भय्यूजी महाराज को मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही राज्य मंत्री का दर्जा दिया था लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया था। भय्यूजी का जन्म 1968 में शाजापुर के शुजालपुर में एक जमींदार परिवार में हुआ था। अध्यात्म की दुनिया में आने से पहले भय्यूजी को लोग उदय सिंह देशमुख के नाम से जाने जाते थे।
भय्यूजी महाराज ने कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचकर अन्ना हजारे का अनशन खत्म कराने में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से भी उनके अच्छे संबंध थे।