MP: उपचुनाव के बाद कंप्यूटर बाबा के 'अवैध निर्माण' पर चला बुलडोजर, कभी शिवराज सरकार में थे राज्यमंत्री

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में रविवार सुबह सुबह जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्राम जमूडीहब्शी में कम्प्यूटर बाबा उर्फ नामदेव दास त्यागी द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाया है। लिस अधीक्षक (पश्चिमी क्षेत्र) महेशचंद्र जैन ने बताया कि इंदौर शहरसे सटे जमूडीहब्शी गांव में कम्प्यूटर बाबा के आश्रम परिसर में प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण ढहाए जाने के दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिए की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत यह कदम उठाया गया। उन्होंने बताया कि कम्प्यूटर बाबा और उनसे जुड़े छह अन्य लोगों को एहतियातन गिरफ्तार कर एक स्थानीय जेल भेजा गया है। बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर मौजूद है। गांधीनगर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत यह कार्रवाई चल रही है। कंप्यूटर बाबा को 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। लेकिन 2018 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस का साथ देने का मन बनाया और पद से इस्तीफा देने के बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार किया था। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद कंप्यूटर बाबा को इसका तोहफा भी मिला और तत्कालीन कमलनाथ सरकार में उन्हें नर्मदा-क्षिप्रा नदी न्यास का अध्यक्ष बनाया गया था।

मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के बाद कंप्यूटर बाबा के इंदौर में स्थित आश्रम पर प्रशासन का हथौड़ा चलाए जाने के अभियान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने इसे राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया है। पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता ने प्रशासन के अभियान के तुरंत बाद ट्ववीट कर कहा है, 'इंदौर में बदले की भावना से कम्प्यूटर बाबा का आश्रम व मंदिर बिना किसी नोटिस दिए तोड़ा जा रहा है। यह राजनैतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है। मैं इसकी निंदा करता हूं।'

2 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन की जांच के दौरान कम्प्यूटर बाबा के आश्रम परिसर में दो एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा और निर्माण प्रमाणित पाया गया था। हालांकि, यह आश्रम 40 एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैला है और इसका मौजूदा बाजार मूल्य लगभग 80 करोड़ रुपए आंका जा रहा है। राजस्व विभाग ने इस मामले में आश्रम के कर्ता-धर्ताओं पर कुछ दिन पहले 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था और उन्हें शासकीय भूमि से अवैध निर्माण हटाने को कहा गया था। अधिकारियों ने बताया कि अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर प्रशासन ने आश्रम का सामान बाहर निकालकर अवैध निर्माण ढहा दिए, जिनमें शेड और कमरे शामिल हैं। इस दौरान वहां भारी पुलिसबल तैनात किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई जमीन पर गौशाला का निर्माण कराया जाएगा और वहां धार्मिक स्थल विकसित किया जाएगा।

आपको बता दे, कम्प्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। केवल 15 महीने चल सकी पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने उन्हें नर्मदा, क्षिप्रा और मन्दाकिनी नदियों के संरक्षण के लिए गठित न्यास का अध्यक्ष बनाया था। कम्प्यूटर बाबा राज्य में कांग्रेस के पक्ष में चुनावी अभियान चला चुके हैं। नर्मदा नदी की कथित बदहाली के प्रमुख मुद्दे पर उन्होंने नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ संतों को राज्य भर में लामबंद करने का अभियान चलाया था।