इंदौर: जिला अस्पताल की मॉर्चुरी में चूहों ने कुतर दिया शव, चेहरे और हाथ से रिस रहा था खून

मध्य प्रदेश के इंदौर के जिला अस्पताल के स्टाफ द्वारा लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां, मॉर्चुरी में रखे एक शव को चूहों ने कुतर डाला। परिजन पुलिस के साथ सुबह पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंचे और चादर हटाई तो उनके होश उड़ गए। शव का चेहरा और एक हाथ बुरी तरह कुतरा हुआ था। वहां से खून निकल रहा था। जब परिवार ने इस मामले में सवाल किए तो जिम्मेदार पहले तो जवाब नहीं दे पाए। बाद में कहा कि उन्हें नहीं मालूम, यह रात का मामला है। यहां खुला क्षेत्र होने से चूहे तो आते ही हैं।

धार जिले के बगदुल स्थित सेजवाय गांव निवासी कृष्णकांत पुत्र रामरतन पांचाल (41) ने शुक्रवार को जहर खा लिया था। इसी दिन गंभीर हालत में दोपहर 12 बजे इंदौर के आनंद अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां दोपहर 3.30 बजे उनकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने करीब दो घंटे में पंचनामा तैयार किया और शाम 5.30 बजे पोस्टमॉर्टम के लिए शव लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। भतीजे राहुल और गणेश ने बताया कि शाम होने की वजह से डॉक्टर ने शव पोस्टमॉर्टम रूम में रखवाने को कहा

पंखे की हवा में रखते है शव

परिजन ने शव को फ्रीजर में रखने को कहा, लेकिन मॉर्चुरी में फ्रीजर नहीं था। कर्मचारियों ने कहा कि यहां शव रातभर ऐसे पंखे की हवा में ही रखे जाते हैं। मजबूरन परिजन लौट गए और शनिवार सुबह करीब 10:30 बजे जांचकर्ता एएसआई अमरसिंह भिड़े के साथ पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे। वहां शव परीक्षण के लिए जैसे ही चादर हटाई तो परिजन चौंक गए। कृष्णकांत के शव का एक गाल चूहों ने बुरी तरह कुतर दिया था। ऐसे ही एक हाथ की अंगुलियां और हथेली कुतरी हुई थी। शव पर कई जगहों पर कुतरे जाने के छोटे-छोटे जख्म थे। इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया तो अस्पताल स्टाफ ने कहा कि अस्पताल में रोजाना ड्यूटी बदलती रहती है। पोस्टमार्टम शाम 5:30 बजे बाद बंद हो जाता है। इसके बाद अस्पताल के स्टाफ द्वारा ही ताला खोलकर शव रखे जाते हैं।

पुलिस व डॉक्टर ने पुष्टि की

जांचकर्ता अमरसिंह भिड़े ने भी पुष्टि की कि जब परीक्षण के लिए शव को देखा चूहों द्वारा एक गाल व हथेली कुतरी हुई थी। मामले में मेडिकल ऑफिसर (पोस्टमार्टम विभाग) के डॉ भरत वाजपेयी का कहना है कि शव के गाल मामूली कुतरे हुए थे। मेरी ड्यूटी सुबह से शाम 5 बजे तक रहती है। जब पोस्टमॉर्टम के लिए फॉर्म तैयार होते हैं तब मेरी ड्यूटी शुरू होती है। मुझे सफाईकर्मी ने बताया कि शव के गाल कुतरे हुए हैं। वैसे इंफ्रास्ट्रचर तो अस्पताल से सीएमओ, आरएमओ आदि उपलब्ध कराते हैं। मेरा काम पोस्टमॉर्टम करने का है। यहां हर हफ्ते पेस्ट कंट्रोल होता है।